एक अगस्त को चुनाव आयोग ने जो ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की है उसमें सबसे ज्यादा पटना के वोटरों का नाम कटा है और इसके बाद मधुबनी और पूर्वी चंपारण का नंबर है। सीमांचल के जिन चार जिलों किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार और अररिया पर बहुत विवाद था, वहां की वोटर लिस्ट से नाम कटने की संख्या औसत से 1.44 फीसद ज्यादा है। संख्या के लिहाज से सबसे कम 26256 वोटरों के नाम शेखपुरा जिले में कटे हैं।

सीमांचल के चार जिलों के कुल वोटरों की संख्या 24 जून 2025 को 78 लाख 11 हजार 890 थी। इनमें से सात लाख 61 हजार 914 वोटरों के नाम काटे गए। इस तरह यहाँ वोटर लिस्ट से नाम हटाने का प्रतिशत 9.75 हुआ। बिहार में 24 जून 2025 को कुल वोटरों की संख्या सात करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 बताई गई थी। इनमें से 65 लाख 64 हजार 075 वोटरों के नाम काटे गए हैं। इस तरह पूरे राज्य में 8.31% वोटरों के नाम ड्राफ्ट लिस्ट से हटाए गए हैं। इसके अलावा भी कई जिलों में औसत से अधिक लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटे हैं।

पटना में कितने नाम कटे?

कुछ जिलों में नाम कटने का अनुपात उनकी आबादी के हिसाब से औसत के क़रीब नज़र आता है, जबकि दूसरे कुछ जिलों में ऐसा नहीं मिला है। छोटे जिलों में औसत से कम अनुपात में लोगों के नाम कटे हैं।

निर्वाचन आयोग के अनुसार 24 जून 2025 को बिहार में सबसे ज़्यादा वोटर पटना जिले में थे और यहीं से सबसे ज्यादा नाम कटे हैं। पटना में वोटरों की संख्या 50 लाख 47 लाख 194 थी। इनमें से तीन लाख 95 हजार 500 वोटरों के नाम ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल नहीं किए गए और उनमें वैसे वोटर भी शामिल हैं जिनका एन्यूमरेशन फॉर्म नहीं मिला। चुनाव आयोग ने जिन वोटरों के नाम काटे हैं उनकी तीन श्रेणी बनाई है। एक श्रेणी उन लोगों की है जिनको मृत पाया गया, दूसरी श्रेणी उनकी है जो स्थाई रूप से कहीं चले गए हैं या अनुपस्थित पाए गए और तीसरी श्रेणी उन लोगों की है जिनका नाम एक से ज़्यादा स्थान पर वोटर लिस्ट में शामिल था।

सबसे ज्यादा नाम कटने के मामले में दूसरे स्थान पर मधुबनी है। चुनाव आयोग के अनुसार मधुबनी में 24 जून 2025 को मतदाताओं की संख्या 33 लाख 76 हजार 790 थी। इनमें से तीन लाख 52 हजार 545 वोटरों के नाम ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल नहीं किए गए हैं।

मुजफ्फरपुर में दो लाख 82 हजार नाम कटे

बड़े जिलों में से एक पूर्वी चंपारण के वोटरों की संख्या 24 जून 2025 को 36 लाख 89 हजार 848 थी जो मधुबनी से ज़्यादा है। लेकिन यहाँ मधुबनी से कम यानी तीन लाख 16 हजार 793 वोटरों के नाम कटे हैं। इसी तरह मुजफ्फरपुर में 24 जून 2025 को वोटरों की संख्या 34 लाख 86 हजार 215 थी। यहां कुल दो लाख 82 हजार 845 वोटरों का नाम लिस्ट से कटा है।

समस्तीपुर में 24 जून 2025 को वोटरों की संख्या 31 लाख 45 हजार 370 बताई गई थी। यहां से दो लाख 83 हजार 955 वोटरों के नाम कटे हैं। सारण जिले में 31 लाख 34 हजार 108 वोटर थे। यहाँ दो लाख 73 हजार 223 वोटरों के नाम कटे हैं। दरभंगा में 30 लाख 3167 वोटर थे। यहाँ दो लाख तीन हजार 315 वोटरों के नाम कटे हैं। 

सारण जिले में 24 जून 2025 को मतदाताओं की संख्या 31 लाख 34 हजार 108 थी। यहां दो लाख 73 हजार 223 वोटरों का नाम काटा गया है। वैशाली, सीवान और सीतामढ़ी में वोटरों की संख्या 26-26 लाख से कुछ ज्यादा थी और यहां औसतन सवा दो लाख से ढाई लाख वोटरों के नाम कटे हैं।

नीतीश के गृहजिले की स्थिति

भागलपुर में 24 लाख 414 वोटर थे और यहाँ से दो लाख 44 हजार 612 वोटरों का नाम कटा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में वोटरों की संख्या 23 लाख 16 हजार 81 थी और यहां से एक लाख 38 हजार 505 के नाम कटे हैं।

सीमांचल के कटिहार जिले में 22 लाख 29 हजार 63 वोटर थे। यहां ड्राफ्ट लिस्ट से एक लाख 84 हजार 254 वोटरों के नाम हटाए गए हैं। सीमांचल के पूर्णिया में वोटरों की संख्या 22 लाख 68 लाख 431 थी। यहां दो लाख 73 हजार 920 वोटरों के नाम कटे हैं। सीमांचल के तीसरे जिले अररिया में 20 लाख 82 हजार 486 वोटर थे। यहां से एक लाख 58 हजार 72 वोटरों का नाम काटा गया है। सीमांचल के किशनगंज जिले में अनुपात के लिहाज से सबसे ज़्यादा 67 प्रतिशत मुस्लिम रहते हैं। यहाँ 24 जून 2025 को 12 लाख 31 हजार 910 वोटर थे। यहाँ एक लाख 45 हजार 668 वोटरों के नाम काटे गए।

चुनाव आयोग के आँकड़ों के अनुसार 24 जून 2025 को केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के जिले गया में 31 लाख 47 हजार 156 वोटर थे लेकिन यहां केवल दो लाख 45 हजार 663 मतदाताओं के नाम कटे हैं।