यदि केंद्र सरकार के दावे और ज़िद के अनुसार कृषि क़ानून वाकई किसानों के हित में हैं और कृषि उत्पाद विपणन समिति क़ानून को ख़त्म करने से उन्हें बड़ा बाज़ार मिलेगा और ऊँची कीमतें मिलेंगी तो बिहार के किसान बदहाल क्यों हैं?