राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के बाद भी मोदी सरकार ने तीन तलाक़ बिल को वहाँ से भी पारित करवा लिया है। इसके बाद जहाँ केंद्र सरकार और विशेष कर बीजेपी इसे मानवता, महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता सुनिश्चित करने वाला विधेयक बता रही है, वहीं बीजेपी की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू का इस बिल पर विरोध रहा है। पार्टी का कहना है कि बिल पर सरकार को मुसलिम समुदाय के साथ बात करनी चाहिए थी और इस पर उनकी सहमति ज़रूरी थी। पार्टी के मुताबिक़ इस मामले पर अभी समाज में और जन जागरण की ज़रूरत है।