डीसीजीआई द्वारा इसको मंजूरी दिए जाने के बाद शशि थरूर, आनंद शर्मा, जयराम रमेश जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के आँकड़े को लेकर सवाल उठाए थे। इसके बाद वैज्ञानिकों ने भी यही सवाल उठाए।
इस विवाद के बीच स्वास्थ्य विभाग से जुड़े रहे अधिकारियों व विशेषज्ञों ने कहा था कि इसे ट्रायल मोड में विकल्प के तौर पर मंजूरी दी गई है और इसे तब इस्तेमाल किया जाएगा जब कोरोना संक्रमण अनियंत्रित होने लगेगा।