एयर इंडिया ने हाल ही में अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के बाद अपने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की 66 उड़ानें रद्द की हैं। यह निर्णय भारतीय नागर विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए द्वारा जारी किए गए सुरक्षा निर्देशों और रखरखाव जांच के मद्देनज़र लिया गया। हालाँकि, डीजीसीए ने साफ़ किया है कि एयर इंडिया के बोइंग 787 फ्लीट में कोई सुरक्षा संबंधी चिंता नहीं है और यह कदम केवल एहतियाती उपाय के तौर पर उठाया गया है। 

12 जून को लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की उड़ान AI171 अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे। विमान ने टेकऑफ के बाद केवल 650 फीट की ऊंचाई हासिल की और फिर तेजी से नीचे आकर बीजे मेडिकल कॉलेज और सिविल हॉस्पिटल के एक आवासीय भवन से टकरा गया। इस हादसे में 242 में से यात्रियों और क्रू मेंबरों सहित 241 लोग मारे गए जबकि एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति ब्रिटिश नागरिक विश्वकुमार रमेश घायल हो गए।
ताज़ा ख़बरें
बहरहाल, एयर इंडिया ने 66 उड़ानें रद्द करने का फ़ैसला डीजीसीए के निर्देशों के बाद लिया। इसमें बोइंग 787-8 और 787-9 विमानों की व्यापक रखरखाव जांच का आदेश दिया गया था। डीजीसीए की इन जांचों में हाइड्रोलिक सिस्टम, ईंधन पैरामीटर मॉनिटरिंग, और केबिन एयर कंप्रेसर जैसी अहम तकनीकों की जाँच शामिल है।

मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इन उड़ानों को रद्द किए जाने का असर मुख्य रूप से लंदन, पेरिस, वियना, और दुबई जैसे अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर पड़ा है। एयर इंडिया ने छह बोइंग 787-8 विमानों को अस्थायी रूप से ग्राउंड कर दिया है, क्योंकि इनमें तकनीकी खामियां पाई गई थीं। 

16 जून को हांगकांग से नई दिल्ली जा रही एयर इंडिया की उड़ान AI315 को टेकऑफ के कुछ समय बाद तकनीकी समस्या के कारण वापस लौटना पड़ा था। इस घटना ने एयर इंडिया और बोइंग दोनों पर दबाव बढ़ा दिया।

एयर इंडिया ने एक बयान में कहा, 'यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। डीजीसीए के निर्देशों का पालन करते हुए हम अपने बोइंग 787 फ्लीट की गहन जांच कर रहे हैं। प्रभावित यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है और हम असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हैं।'

डीजीसीए ने साफ़ किया है कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों के मॉडल में कोई अंतर्निहित ख़राबी नहीं पाई गई है। एक आधिकारिक बयान में डीजीसीए ने कहा, 'अहमदाबाद हादसे के बाद एहतियाती क़दम के तौर पर एयर इंडिया के बोइंग 787-8 और 787-9 विमानों की अतिरिक्त सुरक्षा जाँच का आदेश दिया गया है। प्रारंभिक जाँच में फ्लीट में कोई सुरक्षा संबंधी चिंता नहीं मिली है।'
देश से और ख़बरें
डीजीसीए ने यह भी कहा कि वह हादसे की जाँच के लिए भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो यानी एएआईबी और अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड यानी एनटीएसबी के साथ मिलकर काम कर रहा है। बोइंग के विशेषज्ञ भी अहमदाबाद में जाँच में सहयोग कर रहे हैं।

हादसे की जाँच में अहम प्रगति हुई है। 13 जून को विमान का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर यानी ब्लैक बॉक्स और 16 जून को कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर यानी सीवीआर बरामद किया गया। ये दोनों उपकरण हादसे के कारणों का पता लगाने में अहम साबित होंगे। शुरुआती विश्लेषण में ड्यूल इंजन फेल्योर, फ्लैप मिसकॉन्फिगरेशन या रखरखाव में चूक जैसे संभावित कारणों पर विचार किया जा रहा है।

59 सेकंड के एक सीसीटीवी फुटेज में विमान के टेकऑफ और दुर्घटना का दृश्य कैद हुआ है, जो जांचकर्ताओं के लिए अहम साक्ष्य है। इसके अलावा पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल द्वारा टेकऑफ के 60 सेकंड से भी कम समय में भेजा गया 'मेडे, मेडे' संदेश भी जांच का हिस्सा है।

यह हादसा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा है, जिसने विमान निर्माता कंपनी बोइंग पर सवाल उठाए हैं। बोइंग ने बयान जारी कर कहा कि वह एयर इंडिया और जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है। कंपनी ने अपने अन्य 787 ऑपरेटरों को फिलहाल कोई अतिरिक्त उपाय करने की आवश्यकता नहीं होने की सलाह दी है।

एयर इंडिया ने हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा, घायलों के इलाज का खर्च भी वहन किया जाएगा।
सर्वाधिक पढ़ी गयी ख़बरें
उड़ान रद्द होने से हजारों यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। एयर इंडिया ने प्रभावित यात्रियों के लिए वैकल्पिक उड़ानों की व्यवस्था शुरू कर दी है। दिल्ली और मुंबई से अहमदाबाद के लिए दो राहत उड़ानें भी संचालित की गई हैं, ताकि पीड़ितों के परिजनों और एयर इंडिया कर्मचारियों को सहायता प्रदान की जा सके।

अहमदाबाद हादसा भारत के नागर विमानन इतिहास की सबसे भीषण त्रासदियों में से एक है। हालांकि डीजीसीए ने बोइंग 787 फ्लीट को सुरक्षित बताया है, लेकिन एयर इंडिया के इस एहतियाती कदम ने यात्रियों के बीच विश्वास बहाल करने की कोशिश की है। जांच के नतीजे आने तक, सभी की निगाहें ब्लैक बॉक्स के विश्लेषण और जांच एजेंसियों की अंतिम रिपोर्ट पर टिकी हैं।