लोकसभा चुनाव 2019 के जब नतीजे आये तो देश के जाने-माने राजनीतिक विश्लेषकों ने भी एक बार को यह मान लिया था कि बीजेपी लगभग अपराजेय हो चुकी है। उन्होंने यह भी मान लिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में इस पार्टी को चुनौती देना बेहद मुश्किल होगा। लेकिन इसके पाँच महीने के भीतर ही महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव नतीजों ने इस बात को साबित किया कि मोदी-शाह के नेतृत्व में बीजेपी अपराजेय नहीं है और उसे हराया जा सकता है।
अजेय नहीं रही बीजेपी, महाराष्ट्र प्रकरण से बढ़ेंगी मुश्किलें?
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- 6 Mar, 2021

महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव नतीजों ने इस बात को साबित किया कि मोदी-शाह के नेतृत्व में बीजेपी अपराजेय नहीं है और उसे हराया जा सकता है।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए तमाम तिकड़मों का सहारा लेने के बाद भी चूकी बीजेपी को जो सबक 4 दिन के भीतर ही सरकार गिरने से मिला है, इसे शायद वह लंबे समय तक याद रखेगी। हरियाणा ने भी उसे यह सबक दिया है कि शायद वह किसी भ्रम में थी और राज्य की जनता ने उसका भ्रम तोड़ा है। हरियाणा में बीजेपी राज्य की 90 में से 75 से ज़्यादा सीटें जीतने का जोर-शोर से दावा कर रही थी लेकिन वह 40 पर अटक गई और उसे मजबूरी में एक नई नवेली जननायक जनता पार्टी से गठबंधन करना पड़ा। राज्य में अकेले दम पर सरकार चला चुकी बीजेपी के लिए सत्ता में समझौता करने का अनुभव निश्चित रूप से कड़वाहट भरा होगा।