सोनम वांगचुक की अब दो अलग-अलग तस्वीरें हैं। एक तरफ भारत सरकार उन्हें ‘राष्ट्र-विरोधी’ बता कर जेल में रख रही है तो दूसरी तरफ दुनिया की मशहूर टाइम मैगजीन ने उन्हें 2025 के सबसे प्रभावशाली 100 लोगों में चुना है। वे जलवायु की रक्षा करने वाले नेताओं की सूची में हैं।


30 अक्टूबर को टाइम ने अपनी ‘टाइम100 क्लाइमेट’ सूची जारी की। इसमें सोनम वांगचुक को ‘डिफेंडर्स’ श्रेणी में जगह मिली है। मैगजीन ने कहा कि वे व्यापार और समाज को असली क्लाइमेट एक्शन की ओर ले जा रहे हैं। सोनम की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने ट्वीट कर कहा है, "जहाँ उनकी अपनी सरकार वांगचुक को राष्ट्र-विरोधी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा घोषित करने में जुटी है, वहीं टाइम मैगज़ीन उन्हें अपनी 2025 की TIME-100 Climate सूची में 'व्यापार को असली क्लाइमेट एक्शन की ओर ले जाने वाले दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं' के रूप में सम्मानित कर रही है!"

यह वैश्विक सम्मान तब आया है जब कुछ ही हफ्ते पहले केंद्र सरकार ने वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी एनएसए के तहत गिरफ्तार किया है। वह लद्दाख की स्वायत्तता और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लंबे समय से धरने पर थे। इसी बीच यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। इस हिंसा के बाद वांगचुक को गिरफ़्तार किया गया।

सोनम वांगचुक जेल में क्यों हैं?

सोनम वांगचुक फ़िलहाल राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी एनएसए के तहत हिरासत में हैं। उनकी गिरफ्तारी 26 सितंबर 2025 को हुई थी, जो लद्दाख में राज्य के दर्जे और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों से जुड़ी है। दरअसल, इस सबकी शुरुआत छह साल पहले ही हो गई थी। लद्दाख को 2019 में जम्मू-कश्मीर से अलग करके केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था। स्थानीय लोग राज्य का दर्जा, नौकरी और भूमि अधिकारों की मांग कर रहे हैं ताकि क्षेत्र की नाजुक पारिस्थितिकी को बाहरी शोषण से बचाया जा सके। वांगचुक ने लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन यानी एलएबी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी केडीए जैसे संगठनों के साथ मिलकर शांतिपूर्ण आंदोलन चलाया, जिसमें 35 दिनों का अनशन भी शामिल था।

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24 सितंबर 2025 को लेह में प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसमें पुलिस फायरिंग से चार लोग मारे गए और 80 से अधिक घायल हुए। केंद्र सरकार ने वांगचुक पर इन प्रदर्शनों को भड़काने का आरोप लगाया। लद्दाख प्रशासन ने वांगचुक को एनएसए के तहत गिरफ्तार किया। एनएसए बिना मुकदमे के 12 महीने तक हिरासत की अनुमति देता है। प्रशासन का दावा है कि वांगचुक के उत्तेजक बयानों ने सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डाला। देश विरोधी बयान जैसे कई आरोप लगाए गए हैं। उन्हें जोधपुर जेल भेजा गया, ताकि स्थानीय समर्थकों के विरोध प्रदर्शनों से बचा जा सके।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका

वांगचुक की पत्नी गितांजलि अंगमो ने एनएसए हिरासत को चुनौती देते हुए हेबियस कॉर्पस याचिका दायर की। उन्होंने दावा किया कि हिरासत अवैध और मनमानी है, जो भाषाई संदर्भों की गलत व्याख्या या दमनकारी इरादे से प्रेरित है। सुप्रीम कोर्ट ने 6 अक्टूबर 2025 को केंद्र, लद्दाख यूटी और जेल अधीक्षक को नोटिस जारी किया। यह मामला अभी भी अदालत में है।

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आइस स्तूप: पहाड़ों में पानी बचाने का जादू

टाइम मैगज़ीन ने सोनम वांगचुक के जलवायु पर काम की खूब सराहना की है। वांगचुक लद्दाख में रहते हैं। वहां ऊंचाई पर पानी की बहुत कमी है। गर्मियों में हिमनद पिघलते हैं, लेकिन पानी सही समय पर नहीं मिलता। वांगचुक ने एक नया तरीका निकाला– आइस स्तूप का। सर्दियों में नदी का पानी पाइप से लाते हैं। ठंड में पानी को ऊपर छिड़कते हैं। बूंद-बूंद जमकर बर्फ का बड़ा ढेर बन जाता है। ठीक बौद्ध स्तूप की तरह। गर्मी में यह बर्फ धीरे-धीरे पिघलती है और खेतों को पानी देती है। एक आइस स्तूप से लाखों लीटर पानी बचता है। इससे गांवों में लोग फिर से बसने लगे।


2017 तक ये आइस स्तूप 12 मंजिलें ऊंचे हो गए, प्रत्येक 3.2 मिलियन गैलन पानी स्टोर कर सकता है, जो मई-जून के शुष्क महीनों में किसानों के लिए महत्वपूर्ण सिंचाई प्रदान करता है। एक आइस स्तूप अकेले 264,000 गैलन पानी उत्पन्न करता है, जो शुष्क क्षेत्रों में कृषि को बनाए रखने के लिए पर्याप्त है। वांगचुक के इन नवाचारों ने कुलुम जैसे गांवों को पुनर्जीवित किया है, जहां लोग अपने घर लौट सके। चिली, नेपाल, पाकिस्तान में भी यह तरीका अपनाया जा रहा है।

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टाइम100 क्लाइमेट सूची क्या

टाइम की 2025 टाइम100 क्लाइमेट सूची अब तीसरे वर्ष में है। यह टाइटन्स, इनोवेटर्स, लीडर्स, डिफेंडर्स और कैटेलिस्ट्स जैसी श्रेणियों में नेताओं को सम्मानित करती है। इस वर्ष की सूची में पोप लियो XIV, किंग चार्ल्स III और अभिनेता सैमुअल एल. जैक्सन जैसे नाम शामिल हैं।


बहरहाल, जिन सोनम वांगचुक को सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा बताते हुए जेल में रखा है, उनको प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने जलवायु परिवर्तन पर दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल कर सम्मानित किया है। ये 100 लोग जलवायु अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वालों में हैं।