नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि पिछले छह महीनों में एयर इंडिया को पाँच सुरक्षा उल्लंघनों के संबंध में कुल नौ कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें से एक उल्लंघन के मामले में कार्रवाई पूरी हो चुकी है। यह जानकारी नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने सांसदों के सवालों के जवाब में दी। यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब एयर इंडिया पिछले महीने अहमदाबाद में हुए एक घातक विमान हादसे के बाद से कड़ी निगरानी के दायरे में है।

मंत्री मोहोल ने राज्यसभा में सीपीआई(एम) सांसद जॉन ब्रिटास के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि पिछले छह महीनों में एयर इंडिया को पाँच अलग-अलग सुरक्षा उल्लंघनों के लिए नौ नोटिस जारी किए गए। उन्होंने कहा, 'एक उल्लंघन के संबंध में कार्रवाई पूरी हो चुकी है।' हालाँकि, उल्लंघनों की ख़ास जानकारी साझा नहीं की गई। मोहोल ने यह भी साफ़ किया कि इस अवधि में दुर्घटनाग्रस्त विमान की विश्वसनीयता रिपोर्ट में कोई नकारात्मक रुझान नहीं देखा गया।

अहमदाबाद विमान हादसा और जाँच

पिछले महीने 12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर उड़ान (AI171) टेकऑफ़ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 81 लोग घायल हुए थे। प्रारंभिक जाँच में ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग से पता चला कि उड़ान के तुरंत बाद विमान के दोनों इंजनों का फ्यूल स्विच कट ऑफ़ हो गया था।

नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बताया कि इस हादसे की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा विमान (दुर्घटना और घटना जांच) नियम, 2017 के तहत की जा रही है। उन्होंने डीएमके नेता कनिमोझी एनवीएन सोमू के सवालों के जवाब में कहा, 'हादसे के संभावित कारणों और योगदान देने वाले कारकों को निर्धारित करने के लिए हर पहलू की जांच की जा रही है।' उन्होंने यह भी कहा कि जाँच पूरी होने तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँचना चाहिए और कुछ पश्चिमी मीडिया द्वारा लगाए जा रहे अनुमानों को खारिज किया।

डीजीसीए की कार्रवाई

हादसे के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के बोइंग 787-8/9 विमानों की अतिरिक्त जाँच के आदेश दिए। मंत्री नायडू ने बताया, 'कुल 33 विमानों में से 31 परिचालन विमानों की जाँच की गई, जिसमें 8 विमानों में मामूली खामियाँ पाई गईं। इन खामियों को ठीक करने के बाद विमानों को परिचालन के लिए मंजूरी दे दी गई। शेष दो विमान नियमित रखरखाव के तहत हैं।'

डीजीसीए के पास एक निगरानी और ऑडिट ढांचा है, जिसमें नियमित और अनियोजित निरीक्षण, स्पॉट चेक, रात के समय निगरानी और सभी ऑपरेटरों व रखरखाव संगठनों के लिए रैंप निरीक्षण शामिल हैं।

एयर इंडिया की प्रतिक्रिया

एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने हादसे पर एक आंतरिक मेमो में कहा कि प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट ने कई सवाल खड़े किए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कारण या सिफारिश सामने नहीं आई है। उन्होंने पायलटों और विमान की फिटनेस का बचाव करते हुए कहा कि ईंधन की गुणवत्ता या टेकऑफ रोल में कोई समस्या नहीं थी और पायलटों ने उड़ान से पहले अनिवार्य ब्रेथलाइजर टेस्ट पास किए थे। विल्सन ने सभी से आग्रह किया कि जांच पूरी होने तक जल्दबाजी में निष्कर्ष न निकालें।
इस खुलासे के बाद संसद और सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। विपक्षी सांसदों ने एयर इंडिया की सुरक्षा प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए हैं और डीजीसीए से पारदर्शिता की माँग की है। एक्स पर कई यूजर्स ने एयर इंडिया की सुरक्षा मानकों पर चिंता जताई, जबकि कुछ ने सरकार से कठोर कार्रवाई की माँग की। एक यूजर ने लिखा, '9 नोटिस और फिर भी एक बड़ा हादसा? यह गंभीर लापरवाही को दिखाता है।'

टाटा समूह की एयर इंडिया हाल के वर्षों में अपने परिचालन और बेड़े के आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रही है। हालांकि, अहमदाबाद हादसे और सुरक्षा उल्लंघनों के नोटिस ने एयरलाइन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। मंत्रालय ने साफ़ किया है कि डीजीसीए 2025 में 56 नियामक ऑडिट की योजना बना रहा है ताकि सभी एयरलाइनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।