प्रशांत भूषण से जुड़े अवमानना मामले में जिस तरह से स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई की गयी है उस पर अब बार एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने गहरी चिंता जताई है। इस मामले में इसने मंगलवार को एक बयान जारी किया है। एसोसिएशन ने कहा है कि जैसे यह अवमानना कार्रवाई की गई है उससे संस्था की प्रतिष्ठा बने रहने से ज़्यादा नुक़सान पहुँचने की संभावना है। इसने कहा है कि कुछ ट्वीट से सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा को नुक़सान नहीं पहुँचाया जा सकता है। इससे पहले 1500 से ज़्यादा वकीलों ने भी प्रशांत भूषण के समर्थन में बयान जारी किया है।
प्रशांत भूषण अवमानना कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा को नुक़सान होगा: बार
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- 18 Aug, 2020
प्रशांत भूषण से जुड़े अवमानना मामले में जिस तरह से स्वत: संज्ञान लिया गया है उस पर अब बार एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने गहरी चिंता जताई है। इस मामले में इसने मंगलवार को एक बयान जारी किया है।

बार एसोसिएशन ने बयान में कहा है कि जब कोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लिया था तब इसने अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था, लेकिन ग़लती से सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने इसे शामिल नहीं किया। एसोसिएशन ने कहा है कि उसमें बार के बोलने की ड्यूटी से जुड़ी धारा का भी उल्लेख था। उसमें कहा गया है, 'न्यायपालिका, न्यायिक अधिकारियों व न्यायिक आचरण से संबंधित संस्थागत और संरचनात्मक मामलों पर टिप्पणी करना सामान्य रूप से न्याय प्रशासन और एक ज़िम्मेदार नागरिक के तौर पर भी वकीलों की ड्यूटी है।' प्रशांत भूषण ने एसोसिएशन के इस बयान को ट्वीट किया है।