पहले से ही मनरेगा के बजट में कमी की आ रही ख़बरों के बीच अब केंद्र ने पहली बार योजना के ख़र्च को पहले छह महीनों के लिए 60% तक सीमित कर दिया है। वह भी तब जब यह योजना मांग पर आधारित है। यानी रोजगार की मांग बढ़ने पर आवंटन बढ़ना चाहिए। खुद सरकार ही योजना के लिए बजट कम किए जाने की आलोचनाओं के बाद योजना के मांग पर आधारित होने का तर्क दे चुकी है। तो सवाल है कि मनरेगा के तहत लोगों को मिलने वाले रोजगार पर क्या इसका असर बुरा नहीं पड़ेगा? और मौजूदा समय में मनरेगा का क्या हाल है?
केंद्र ने पहले छह महीनों के लिए मनरेगा खर्च पर 60% की पाबंदी क्यों लगाई?
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- 10 Jun, 2025
केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना के पहले छह महीनों के खर्च पर 60% की सीमा तय कर दी है। यह फैसला क्यों लिया गया और इसके क्या परिणाम हो सकते हैं? जानिए इसके पीछे की पूरी वजह।

इन सवालों के जवाब से पहले यह जान लें कि केंद्र ने क्या फ़ैसला लिया है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार यह जानकारी मिली है कि वित्त मंत्रालय ने ग्रामीण विकास मंत्रालय को बताया है कि अब इसे मासिक, तिमाही व्यय योजना के अंतर्गत लाया जाएगा। यह योजनाओं के ख़र्च को नियंत्रित करने का तंत्र है।