पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि नोटबंदी को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हम स्वीकार करते हैं लेकिन यहां इस पर ध्यान दिया जाना जरूरी होगा कि अदालत ने इस फैसले को बहुमत के साथ सही नहीं ठहराया है और ना ही बहुमत ने यह निष्कर्ष निकाला है कि नोटबंदी के लिए जो उद्देश्य बताए गए थे, उन्हें हासिल कर लिया गया। चिदंबरम ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखा था।
नोटबंदी: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिदंबरम ने क्या कहा?
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- 2 Jan, 2023
नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किए गए एक के बाद एक ट्वीट में पी. चिदंबरम ने कहा कि इस मामले में अल्पमत के फैसले ने लोकतंत्र में संसद की अहम भूमिका पर जोर दिया है और ऐसी आशा है कि भविष्य में भी निरंकुश संसद जनता पर अपने विनाशकारी फैसलों को नहीं थोपेगी।

चिदंबरम ने लिखा है कि वास्तव में जजों के बहुमत ने इस सवाल से दूरी बना ली है कि नोटबंदी के जरिए जो उद्देश्य बताए गए थे क्या उन्हें हासिल कर लिया गया?
मोदी सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी का ऐलान करते वक्त कहा था कि नोटबंदी से जाली नोट और आतंकवाद के वित्त पोषण पर लगाम लगेगी और काला धन पकड़ा जा सकेगा। इस फैसले के तहत 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था।