126 भारतीय नागरिकों को सुनहरे सपनों का झांसा देकर रूस भेजा गया, जहां उन्हें जबरन रूसी सेना में भर्ती कर युद्ध में झोंक दिया गया। यह त्रासदी अब केवल भारत तक सीमित नहीं रही, बल्कि बेरोज़गारी, मानव तस्करी और वैश्विक भू-राजनीति का खतरनाक मेल बन चुकी है। 27 जून को नई दिल्ली के एआईसीसी मुख्यालय, इंदिरा भवन में कांग्रेस सांसद और पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने इस मुद्दे को सार्वजनिक किया। उनके साथ पीड़ित परिवार भी मौजूद थे, जिनके युवा सदस्य नौकरी के बहाने रूस भेजे गए और फिर लौट नहीं सके।