जीएसटी के 7 स्लैब हैं और सभी उत्पादों को इन्हीं स्लैबों में रखा गया है। पर सबसे ज्यादा चीजें 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत टैक्स वाले स्लैब में हैं। परिषद का सोचना है कि इन्हें मिला कर एक ऐसा स्लैब बनाया जाए, जिन पर 15 प्रतिशत का टैक्स लगे। ज़्यादातर उत्पादों को इसी स्लैब में डाल दिया जाए।
पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और महाराष्ट्र के वित्त मंत्रियों ने कहा था कि मुआवज़े का भुगतान नहीं हो रहा है। अब जीएसटी परिषद ने इस पर चिंता जताई है और संकेत दिया है कि भविष्य में यह मुआवज़ा बंद किया जा सकता है।