केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को संसद में प्रस्ताव पारित करवा कर अनुच्छेद 370 में संशोधन किया और अनुच्छेद 35 'ए' खत्म कर दिया। इससे जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति ख़त्म हो गई। लेकिन बीते एक साल में इसके बाद क्या हुआ? सरकार ने दावे किए थे, उनका क्या हुआ? क्या कश्मीर से आतंकवाद ख़त्म हो गया? सत्य हिन्दी की विशेष श्रृंखला की पहली कड़ी पढ़ें।
1.अनुच्छेद 370 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भाग को हटा दिया जाएगा।
2.अनुच्छेद 370 के उस भाग को हटा दिया जाएगा, जिसमें जम्मू-कश्मीर को अपना अलग संविधान बनाने का हक़ दिया गया था।
3. इसी तरह अनुच्छेद 370 के उस भाग को हटा दिया जाएगा, जिसके तहत कहा गया था कि संसद से पारित रक्षा, विदेश मामले और संचार से जुडे़ क़ानून ही जम्मू-कश्मीर में प्रभावी होेंगे।
4.अब तक यह स्थिति थी कि रक्षा, विदेश मामले और संचार से जुडे़ क़ानूनों के अलावा दूसरे क़ानूनों को जम्मू-कश्मीर में लागू करने से पहले राज्य विधानसभा की अनुमति लेनी होती थी। अब इसकी ज़रूरत नहीं होगी।
5. संविधान के अनुच्छेद 35 'ए' को ख़त्म कर दिया जाएगा।
6. लद्दाख़ और जम्मू-कश्मीर अलग-अलग केंद्र शासित क्षेत्र होंगे। लद्दाख़ में विधानसभा नहीं होगी, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा रहेगी।
7.कश्मीर घाटी के सभी बड़े नेता नज़रबंद, इसमें महबूबा मुफ़्ती, उमर अब्दुल्ला, फ़ारूक़ अब्दुल्ला, सज्ज़ाद लोन शामिल।
8.श्रीनगर में धारा 144 लागू।
9.अमरनाथ यात्रा, मचैल यात्रा रोकी गई। एनआईटी श्रीनगर के राज्य के बाहर के छात्रों को वापस जाने को कहा गया।
10.श्रीनगर के सभी स्कूल-कॉलेज बंद।