प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल पुल का उद्घाटन किया। जानिए, इससे जम्मू कश्मीर की रेल कनेक्टिविटी कैसी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊँचे रेल पुल का उद्घाटन किया। इस उद्घाटन के साथ कश्मीर को देश के बाक़ी हिस्सों से ट्रेन के ज़रिए जोड़ने वाली 42 साल पुरानी परियोजना पूरी हो गई। इस क़दम के साथ कश्मीर घाटी को देश के बाक़ी हिस्सों के साथ पहली बार सालभर की रेल कनेक्टिविटी मिल गई है। चिनाब रेल पुल और अंजी खड्ड रेल पुल के उद्घाटन के साथ उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पूरा हो गया है। यह परियोजना कश्मीर को हर मौसम में रेल के जरिए जोड़ेगी, जिससे क्षेत्र में विकास और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
चिनाब रेल पुल दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च ब्रिज है, जो जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर 359 मीटर की ऊँचाई पर बना है। यह पेरिस के एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊँचा है और कुतुब मीनार से पांच गुना अधिक ऊंचाई वाला है। इस पुल की लंबाई 1.3 किलोमीटर है और यह 17 खंडों से बना है। यह इंजीनियरिंग का एक शानदार नमूना है, जो भारतीय रेलवे और इंजीनियरों की तकनीकी क्षमता को दिखाता है।
इसके अलावा, अंजी खड्ड पर बना देश का पहला केबल-स्टे ब्रिज भी इस परियोजना का हिस्सा है। यह ब्रिज अपनी ख़ूबसूरती और तकनीकी डिजाइन के लिए भी चर्चा में है।
क्या है परियोजना?
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक यानी यूएसबीआरएल परियोजना स्वतंत्र भारत की सबसे महत्वाकांक्षी रेल परियोजनाओं में से एक है। हिमालय की दुर्गम पहाड़ियों में 272 किलोमीटर तक फैली इस परियोजना की लागत 43,780 करोड़ रुपये है। इसमें 119 किलोमीटर लंबी 36 सुरंगें और 943 पुल शामिल हैं जो घाटियों, चोटियों और पहाड़ी दर्रों को आपस में जोड़ते हैं। इस क्षेत्र की चुनौतीपूर्ण भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखकर बनाई गई यह परियोजना दूरदराज के इलाक़ों को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ती है। पहले कश्मीर में भारी बर्फबारी और खराब मौसम के कारण सड़क मार्ग से संपर्क टूट जाता था, लेकिन अब यह रेल लिंक सालभर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।
कटरा से श्रीनगर का सफर अब आसान
चिनाब रेल पुल के शुरू होने से कटरा से श्रीनगर का रेल सफर अब सिर्फ 3 घंटे में पूरा होगा, जो पहले 5-6 घंटे का था। वंदे भारत ट्रेन इस रूट पर चलाई जाएगी, जिससे यात्रियों को तेज और आरामदायक सफर का अनुभव मिलेगा। नियमित रेल सेवाएं 7 जून 2025 से शुरू होंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन समारोह में कहा, 'यह रेल पुल न सिर्फ कश्मीर को देश से जोड़ेगा, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास का नया द्वार खोलेगा। यह भारतीय इंजीनियरिंग का गौरव है।' प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले के कुछ हफ्तों बाद हुई है। प्रधानमंत्री ने हमले के बाद कहा था, 'आतंकवाद के खिलाफ इस जंग में, देश की एकता और 140 करोड़ भारतीयों की एकजुटता हमारी सबसे बड़ी ताकत है।' पीएम मोदी ने कहा कि भारत का आतंकवाद के प्रति जवाब निर्णायक होगा और यह दोहराया कि अपराधियों और उनके प्रायोजकों को सबसे सख्त सजा दी जाएगी। यह यात्रा ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद पहली है, जो नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ढांचे को निशाना बनाने वाला एक आतंकवाद-विरोधी अभियान है।
दशकों में बना प्रोजेक्ट
यूएसबीआरएल परियोजना की शुरुआत 1994 में हुई थी, जब इसे पूर्व प्रधानमंत्री वी. नरसिम्हा राव के कार्यकाल में मंजूरी दी गई थी। सक्रिय निर्माण कार्य 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के तहत शुरू हुआ, जिसने जमीन अधिग्रहण के लिए शुरुआती फंड आवंटित किए थे।
इस परियोजना की प्रगति कई चुनौतियों से प्रभावित रही और यह धीरे-धीरे आगे बढ़ी। कुल 272 किलोमीटर में से 209 किलोमीटर को चार चरणों में पूरा किया गया। काजीगुंड से बारामूला (118 किमी) 2009 में, बनिहाल से काजीगुंड (18 किमी) 2013 में, उधमपुर से कटरा (25 किमी) 2014 में, और बनिहाल से संगलदान (48.1 किमी) 2024 की शुरुआत में पूरा हुआ। अंतिम महत्वपूर्ण हिस्सा, संगलदान से रियासी तक 46 किलोमीटर, दिसंबर 2024 में पूरा हुआ, जिसमें व्यापक सुरंग निर्माण और पुल निर्माण शामिल थे।
चिनाब रेल पुल का निर्माण बेहद चुनौतीपूर्ण था। यह क्षेत्र भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है, और यहां तेज हवाएं और मुश्किल भौगोलिक परिस्थितियां थीं। फिर भी, भारतीय रेलवे ने इसे 20 साल की मेहनत से पूरा किया। इस परियोजना को 2003 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था और अब इसका उद्घाटन कश्मीर के लिए एक नया युग लेकर आया है।
चिनाब रेल पुल का उद्घाटन कश्मीर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह न केवल कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगा, बल्कि क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास को भी बढ़ावा देगा। यह भारत की इंजीनियरिंग क्षमता और सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। आने वाले दिनों में यह रेल लिंक कश्मीर की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभाएगा।