बात तो बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालने की थी। देश के बड़े अखबारों ने चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से लिखा था कि बिहार की मतदाता सूची में बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार से आये विदेशी नागरिकों की घुसपैठ हुई है। माहौल बन गया। और कहा गया कि चुनाव आयोग विशेष पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के तहत इन्हें छांटेगा, हटाएगा और मतदाता सूची को ‘शुद्ध’ करेगा। लेकिन 24 जुलाई तक के आधिकारिक प्रेस नोट और ग्राउंड रिपोर्टों से जो सच निकलकर आया है, वह न सिर्फ़ चौंकाता है, बल्कि कई गंभीर सवाल भी उठाता है। उल्टे तथ्य बताते हैं कि इन्हीं बांग्लादेशी रोहिंग्याओं को भारत सरकार म्यांमार में खाद्य व अन्य सहायता भी देती है। यह कैसी दोहरी नीति? एक तरफ देश के भीतर 'घुसपैठिए' कहकर डर फैलाओ, दूसरी तरफ विदेश में उनके लिए घर बनवाओ और राशन भेजो।
Bihar SIR: कथित घुसपैठिये एक फीसदी का सौवां हिस्सा भी नहीं निकले?
- विश्लेषण
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- 26 Jul, 2025

बिहार सर
Bihar SIR Controversy: बिहार एसआईआर प्रक्रिया का पहला चरण पूरा हो चुका है। लेकिन जिस अंदाज में कथित घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में बताए गए थे, उसका एक फीसदी भी नहीं निकले। क्या यह सिर्फ माहौल बनाने के लिए किया गया।