पिछले 10-15 साल में सामाजिक- सांस्कृतिक स्तर पर जो बदलाव हुए हैं, सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है। मोबाइल क्रांति ने एक नए सामाजिक परिवेश को जन्म दिया है। यह एक आभासी दुनिया है, लेकिन इसके जरिए होने वाले बदलाव केवल आभासी दुनिया तक महदूद नहीं हैं। इसने लोगों की रोजाना की जिंदगी में उथल-पुथल मचाई है। सूचना तंत्र पर सूचनाओं का अंबार है। ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया के विभिन्न साधनों के जरिए दुनिया को देखने- समझने का एक नया नजरिया पैदा हुआ है। इसने हमारे सूचनात्मक ज्ञान को समृद्ध किया है लेकिन सोशल मीडिया के दुरुपयोग ने सामाजिक संबंधों और जीवन मूल्यों को बड़े पैमाने पर दूषित किया है।