loader
फाइल फोटो

सीएम सिद्दारमैया ने कहा, पीएम मोदी मुस्लिम आरक्षण पर गलत दावा कर रहे हैं

एक चुनावी जनसभा में पीएम मोदी द्वारा कर्नाटक के मुसलमानों को मिलने वाले आरक्षण पर सवाल उठाए जाने और राज्य की कांग्रेस सरकार पर लगाए गए आरोपों के बाद अब सीएम सिद्दारमैया ने जोरदार पलटवार किया है।  

उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक लंबी पोस्ट लिखी है। इसमें उन्होंने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दावा कि कांग्रेस ने कर्नाटक में आरक्षण कोटा पिछड़े वर्गों और दलितों से मुसलमानों को स्थानांतरित कर दिया है, एक सफ़ेद झूठ है। 

उन्होंने लिखा है कि यह अज्ञानता से उपजा है लेकिन हार के डर से पैदा हुई उनकी हताशा का भी संकेत है। जिम्मेदारी की स्थिति में होने के नाते, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को या तो सबूतों के साथ इन गैर-जिम्मेदाराना आरोपों को साबित करना चाहिए या देश से माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने सवाल पूछा है कि, कांग्रेस ने कब कहा है कि वह पिछड़े वर्गों और एससी-एसटी से आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देगी? कांग्रेस के अधीन किस राज्य सरकार ने ऐसी नीति लागू की है? क्या इससे संबंधित कोई आधिकारिक सरकारी दस्तावेज़ है? प्रधानमंत्री मोदी को ये सारी जानकारी देश के सामने रखनी चाहिए? 

उन्होंने लिखा है कि, संवैधानिक आरक्षण में मनमाने ढंग से संशोधन नहीं किया जा सकता। आरक्षण में संशोधन केवल सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षणों की रिपोर्ट के आधार पर ही किया जा सकता है। 

इसके अलावा, राज्य सरकारों के पास अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षण को संशोधित करने का अधिकार नहीं है। ऐसे संशोधनों के लिए संसद के दोनों सदनों की मंजूरी की आवश्यकता होती है। यह तथ्य है कि एक प्रधानमंत्री के पास इस बुनियादी ज्ञान का भी अभाव है, यह हमारे देश के लिए वास्तव में दुखद है।  

कर्नाटक से और खबरें

यह आरक्षण तीन दशकों से लागू है

अपनी पोस्ट में सिद्दारमैया ने लिखा है कि,यह सच है कि कर्नाटक में मुसलमानों को पिछड़े वर्ग की 2बी श्रेणी में शामिल किया गया है। यह अभी किया गया नहीं है। यह 1974 में एलजी हवानूर से शुरू हुए पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्टों पर आधारित है।  
यह आरक्षण पिछले तीन दशकों से लागू है। न तो राज्य में पहले से सत्ता में रही भाजपा सरकार और न ही पिछले दस वर्षों से सत्ता में रही नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इस आरक्षण पर सवाल उठाया है। इसके अलावा, भाजपा सहित किसी ने भी इसे अदालत में चुनौती नहीं दी है।

ऐसा प्रतीत होता है कि पीएम मोदी ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया है कि कैसे बसवराज बोम्मई सरकार ने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले धर्म के आधार पर वोटों को विभाजित करने के एकमात्र इरादे से आरक्षण में मनमाने ढंग से संशोधन करने का प्रयास किया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई थी। 

शीर्ष अदालत ने मुस्लिमों को 4 फीसदी आरक्षण रद्द करने के फैसले पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि अगली सूचना तक संशोधित आरक्षण लागू न किया जाए। अफसोस की बात है कि इतनी महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रधानमंत्री की नजरों से ओझल हो गई है। 

कर्नाटक में पिछली भाजपा सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण को पंद्रह से बढ़ाकर सत्रह प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए तीन से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने की घोषणा की थी। 
उन्होंने इस बारे में केंद्र सरकार को पत्र लिखने का भी दावा किया था, हालाँकि, 14 मार्च, 2023 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री नारायण स्वामी ने लोकसभा को सूचित किया कि राज्य की भाजपा सरकार से न तो ऐसा कोई पत्र प्राप्त हुआ है, और न ही आरक्षण बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले पर ध्यान नहीं दिया?
उन्होंने अपनी इस पोस्ट में लिखा है कि, मैं पीएम मोदी के नये सहयोगी  एचडी देवगौड़ा की राय जानने को उत्सुक हूं। कभी मुसलमानों के लिए आरक्षण लागू करने का दावा करने वाले देवेगौड़ा को अपना वर्तमान रुख स्पष्ट करना चाहिए। पिछले दस वर्षों से शासन करने के बावजूद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि नहीं होना साबित करता है कि वह एक असफल नेता हैं।  
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

कर्नाटक से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें