कमल हासन की याचिका में कहा गया कि यह फ़िल्म कर्नाटक में सिनेमाघरों में निर्बाध रूप से रिलीज़ होने की हकदार है और किसी भी संगठन को इसे रोकने का अधिकार नहीं है।
कमल हासन की याचिका अब कर्नाटक हाई कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है और यह मामला न केवल फ़िल्म की रिलीज़, बल्कि भाषा और सांस्कृतिक संवेदनशीलता के व्यापक मुद्दों को भी सामने लाता है।