कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने विश्वास प्रस्ताव रखा। महाराष्ट्र विकास अघाडी की ओर से प्रस्ताव का समर्थन किया गया। प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि जो सदस्य प्रस्ताव के समर्थन में हैं, वे हां कहें और जो विरोध में हैं वे नहीं कहें। बीजेपी के विधायकों ने हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। बीजेपी के विधायकों ने नारेबाज़ी करते हुए कहा कि विधानसभा में ग़लत प्रक्रिया अपनाई गई। फडणवीस ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति ग़लत तरीक़े से की गई है। इसके बाद विधायकों की वोटिंग करवाई गई। इसमें 169 विधायकों ने सरकार के पक्ष में वोट डाला।
महा विकास अघाडी की सरकार के पक्ष में शिवसेना के 56, एनसीपी के 54, कांग्रेस के 44 विधायकों के अलावा समाजवादी पार्टी के 2, स्वाभिमानी शेतकरी के एक, बहुजन विकास अघाडी के 3 और 8 निर्दलीय विधायकों ने वोट दिया। बहुमत परीक्षण में एआईएमआईएम के 2, सीपीएम के 1 और एमएनएस के 1 विधायक ने किसी के पक्ष में वोट नहीं दिया। बहुमत साबित करने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी की ओर इशारा करते हुए कहा कि सदन में वैचारिक मतभेदों को ग़लत तरीक़े से रखा गया और यह महाराष्ट्र की परंपरा नहीं है। ठाकरे ने कहा कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज और अपने माता-पिता के नाम से शपथ ली है और अगर ऐसा करना अपराध है तो वह यह अपराध बार-बार करेंगे।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार शाम को महाराष्ट्र के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। ठाकरे परिवार से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने वाले उद्धव ठाकरे पहले व्यक्ति हैं। उद्धव ठाकरे के साथ कुल 6 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इसमें शिवसेना की ओर से एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई, एनसीपी की ओर से जयंत पाटिल, छगन भुजबल, कांग्रेस की ओर से बाला साहेब थोराट और नितिन राउत ने शपथ ली।
10 रुपये में थाली, स्नातक डिग्री तक निशुल्क शिक्षा, शिक्षा पर बजट का 2% हिस्सा खर्च करना, सभी महानगरपालिका क्षेत्रों में 500 वर्ग फुट तक के घरों पर प्रॉपर्टी टैक्स माफ़ी जैसी कई योजनाएँ लागू करने की बात इन तीनों दलों ने अपने-अपने घोषणा पत्रों में कही थी।