भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपनी 75 साल की स्थापना के बाद पहली बार अपने स्टाफ की भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी के लिए आरक्षण नीति लागू की है। यह निर्णय अनुसूचित जाति यानी एससी और अनुसूचित जनजाति यानी एसटी के लिए हाल ही में शुरू की गई आरक्षण नीति के बाद लिया गया है। इस कदम को सामाजिक समावेश और समानता की दिशा में एक ऐतिहासिक सुधार के रूप में देखा जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट स्टाफ़ भर्ती में पहली बार ओबीसी आरक्षण लागू; कितना बड़ा क़दम?
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- 6 Jul, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने अपने स्टाफ़ की भर्ती में पहली बार ओबीसी आरक्षण लागू किया है। यह निर्णय सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। जानिए इसका महत्व और संभावित प्रभाव।

यह नीति 3 जुलाई 2025 को जारी एक राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से लागू की गई, जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों और कर्मचारियों (सेवा और आचरण की शर्तें) नियम, 1961 में संशोधन किया गया। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई के नेतृत्व में यह नीति लागू की गई है। सीजेआई गवई खुद अनुसूचित जाति समुदाय से हैं और देश के दूसरे दलित सीजेआई हैं।