ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो में 6-7 जुलाई को शुरू होने वाले 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में एक अप्रत्याशित घटना ने वैश्विक कूटनीति में हलचल मचा दी है। पहली बार, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस बार बैठक से अनुपस्थित रहेंगे। वह पिछले 12 वर्षों से इस सम्मेलन में नियमित रूप से शामिल होते रहे हैं। इस बार उनकी जगह चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह घटना इसलिए भी अहम है क्योंकि ब्रिक्स चीन की वैश्विक रणनीति का एक अहम हिस्सा रहा है। शी की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े किए हैं। आखिर इसका कारण क्या है, और इसका ब्रिक्स और वैश्विक कूटनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
ब्रिक्स में शी जिनपिंग शामिल क्यों नहीं हो रहे; पीएम मोदी के लिए मौक़ा?
- विश्लेषण
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- 6 Jul, 2025
ब्रिक्स सम्मेलन से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अनुपस्थिति ने कूटनीतिक अटकलें तेज कर दी हैं। जानिए यह निर्णय क्या संकेत देता है और चीन की विदेश नीति पर इसका क्या असर होगा और क्या यह भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक मौक़ा है।

शी जिनपिंग की अनुपस्थिति का कारण
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 2 जुलाई 2025 को एक प्रेस ब्रीफिंग में पुष्टि की कि प्रधानमंत्री ली कियांग 5-8 जुलाई तक रियो में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। हालाँकि शी की अनुपस्थिति के पीछे कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया। कुछ रिपोर्टों में व्यस्तताओं का हवाला दिया गया है, लेकिन इस पर कई विशेषज्ञों को यकीन नहीं है।