बीस लाख करोड़ का पैकेज, इतिहास में सबसे बड़ा! मगर ग़रीबों और मिडिल क्लास को क्या मिला? आलोक अड्डा में आशुतोष और वरिष्ठ आर्थिक विशेषज्ञ टीसीए श्रीनिवास राघवन और बिज़नेस स्टैंडर्ड के संपादकीय निदेशक ए के भट्टाचार्य से बातचीत!
भारत के आँकड़ों से साफ़ है कि यहाँ कोरोना से ज़्यादा मौत नहीं हो रही हैं। लेकिन सरकार अमेरिका की पिछलग्गू बनी हुई है। शैलेश की रिपोर्ट
भोपाल में कोरोना हाॅटस्पाॅट जहांगीराबाद इलाक़े के जद्दा नामक कब्रिस्तान में जेसीबी मशीन लगवाकर एडवांस में दर्जन भर कब्रें खुदवाई गई हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में कृषि, पशुपालन, मछली पालन, डेयरी उद्योग के लिए क्या है, इस बारे में बताया।
विश्व बैंक ने कोरोना संकट से लड़ने के लिए भारत को 1 अरब डॉलर की मदद दी है। इस मदद को मिलाकर भारत अब तक विश्व बैंक से 2 अरब डॉलर की मदद हासिल कर चुका है।
डब्ल्यूएचओ ने आशंका व्यक्त की है कि हो सकता है कि कोरोना कभी जाए ही न। इससे निश्चित रूप से लोगों का इस वायरस के प्रति डर और बढ़ जाएगा।
आखिर किसान मजदूर को मिला क्या ? क्या सरकार उनकी तकलीफ समझ भी रही है ? आशुतोष के साथ चर्चा में आलोक जोशी, विजय त्रिवेदी, हरजिंदर।
क्या आत्महत्या बढ़ने का कारण लॉकडाउन है। क्या पति-पत्नी के झगड़े का कारण घर में बंद रहना है। इंग्लैंड के मनोचिकित्सक डा. अशोक जैनर की राय देखिए शैलेश की रिपोर्ट में।
वित्त मंत्री ने किसानों के लिए नाबार्ड के जरिए 30 हज़ार करोड़ रुपये के फ़ंड का एलान किया। उन्होंने कहा कि इससे 3 करोड़ छोटे व मझोले किसानों को फ़ायदा मिलेगा।
बीते 10 दिनों में ही उत्तर प्रदेश की सड़कों पर पैदल लौट रहे 40 से ज्यादा मजदूर मर चुके हैं जबकि इस दौरान कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा इसके आधे से भी कम है।
देश के मंदिरों में जो अकूत संपत्ति पड़ी हुई है, उसका एक छोटा हिस्सा निकाल कर क्यों नही लॉकडाउन प्रभावित करोड़ों लोगों की जिंदगी संवारी जाए?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में लॉकडाउन को लेकर कुल मिलाकर 5 लाख से ज़्यादा सुझाव आए हैं।
भारतीय रेलवे ने सभी ट्रेनों को 30 जून तक के लिए रद्द कर दिया है। रेलवे ने कहा है कि जिन लोगों ने टिकट बुक किया था, उन्हें पूरा पैसा रिफ़ंड कर दिया जाएगा।
क्या भारत को अमेरिका और यूरोप के आंकड़ों से डरना चाहिए। क्या कोरोना से डर सिर्फ़ एक भ्रम साबित होगा। देखिए, एक वरिष्ठ डाक्टर का खुलासा शैलेश की रिपोर्ट में।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि हमें कोरोना वायरस के साथ जीने की कला को समझना होगा।
लाॅकडाउन के बीच मध्य प्रदेश के सागर जिले में जैन समाज के धार्मिक कार्यक्रम में लोग उमड़ पड़े। इस मामले में 5 नामजद और लगभग 150 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए केंद्र सरकार ने 6 क़दम उठाए हैं।
योगी सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले 7 भत्तों पर कैंची चला दी है। राज्य सरकार के इस फ़ैसले से 16 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के प्रभावों से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए जिस 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का एलान किया, वह कितना सच है?
लॉकडाउन के दौरान 67 फ़ीसदी लोगों का रोज़गार छिन गया है। अज़ीम प्रेम जी यूनिवर्सिटी के द्वारा सिविल सोसाइटी की 10 संस्थाओं के साथ किए गए सर्वे में यह जानकारी सामने आई है।
लॉकडाउन के बीच भी पश्चिम बंगाल लगातार सुलग रहा है। हुगली जिले के तेलिनीपाड़ा इलाक़े में दो समुदायों के बीच शुरू हुई झड़पें मंगलवार को और तेज हो गईं।
20 लाख करोड़ का पैकेज बड़ा है। पर क्या अर्थव्यवस्था में जान फूँक पायेगा ?
मध्य प्रदेश के हाल ख़राब हैं! आख़िर हालात सुधर क्यों नहीं रहे?
कोरोना के बहाने प्राईवेट अस्पतालों में इलाज अब भी ठप है। आने जाने पर रोक है ही। क्या सरकार मूल अधिकारों पर अंकुश लगाने की तैयारी में है। शैलेश की रिपोर्ट
20 लाख करोड़ का पैकेज बडा है । कितना कारगर होगा ? क्या हैं मायने - एक चर्चा आशुतोष, आलोक जोशी, विजय त्रिवेदी और हरजिंदर के साथ
उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश, फिर गोवा और गुजरात। अनेक राज्यों में कोरोना के बहाने, निवेश और उद्योग लाने के नाम पर श्रम क़ानून हटाए जा रहे हैं। क्या इससे कोई फ़ायदा होगा? आलोक जोशी ने बात की दो टूक बोलने वाले पूर्व आईएएस अनिल स्वरूप से जो लेबर को भी समझते हैं और उद्योगों को भी।