कोरोना रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। कितने का नुक़सान हुआ, यह अभी तो अंदाज भी नहीं लगाया जा सकता। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और लोगों की रोज़ी रोटी का इतंजाम करने में ही ख़रबों रुपयों की ज़रूरत होगी।