नेशनल मॉनीटाईजेशन पाइपलाइन से सबसे ज़्यादा पैसा भारतीय रेल से ही मिलेगा, लेकिन यह उसका चरित्र भी बदल देगा। क्या होगा भारतीय रेल का और क्या होगा इसकी रियायतों का, पढ़ें हरजिंदर को।
लॉकडाउन के कारण रेल सेवा प्रभावित होने से नौकरीपेशा लोगों के लिए पुणे से मुंबई के लिए नियमित रूप से काम पर जाना-आना संभव नहीं हो पा रहा है। इनकी नौकरी ख़तरे में है।
रेलवे ने कहा है कि इसने एक मई से अब तक 60 लाख प्रवासी मज़दूरों को उनके घर पहुँचाया है और इन पर आए संचालन ख़र्च का 15 फ़ीसदी ही उसे वापस मिला है।
भारतीय रेल को लॉकडाउन के दौरान अपना कामकाज ठप रखने की वजह से तक़रीबन 9 हज़ार करोड़ रुपए का नुक़सान हुआ है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वह श्रमिक स्पेशल ट्रेन पश्चिम बंगाल न भेजें।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि 65 ट्रेनें राज्य से खाली लौटी हैं क्योंकि राज्य सरकार उनमें बैठने के लिए मज़दूर नहीं ला सकी।
रेलवे ने कहा है कि अब श्रमिक स्पेशल चलाने से पहले उन राज्यों की अनुमति लेनी ज़रूरी नहीं होगी, जिन राज्यों को यह ट्रेन जा रही होगी।
भारतीय रेल ने सिर्फ एक विशेष ट्रेन चलाने का फ़ैसला किया है, पर सावधान, यह ट्रेन सिर्फ सेना के जवानों और अफ़सरों को लेकर जाएगी।
भारतीय रेल ने 15 अप्रैल से 3 मई के बीच की यात्रा के लिए बुक की गईं 39 लाख टिकटें रद्द कर दी हैं। लोगों को बग़ैर कोई शुल्क काटे पूरे पैसे वापस कर दिए जाएंगे।