क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया अब बीजेपी भी छोड़ेंगे और क्या वह अपने पिता की पुरानी पार्टी ‘मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस’ के बैनर पर राजनीति करेंगे।
कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में भी क्या कुंठा का शिकार होने जा रहे हैं? सत्तारूढ़ दल बीजेपी खेमे से हो रही बयानबाज़ी तो यही इशारा कर रही है कि बीजेपी ज्वॉइन करके सिंधिया फँस से गये हैं!
मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के ख़िलाफ़ लड़ाई चल रही है, लेकिन इस बीच राजनीतिक हलचल तेज़ होने से उपचुनावों की आहट भी साफ़ तौर पर सुनाई देने लगी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘कोरोना लाॅकडाउन टू’ के बीच मंगलवार को अपनी कैबिनेट का गठन कर दिया।
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने को दुर्भाग्यपूर्ण क़रार दिया है।
क्या बीजेपी को भी अपने विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त का डर है। अगर ऐसा नहीं होता तो वह अपने विधायकों को मंगलवार रात को ही भोपाल से दिल्ली और फिर गुड़गांव क्यों लेकर आती।
ज्योतिरादित्य यदि बीजेपी गए तो क्या यह उनकी घर वापसी होगी, क्या वह वहां सहज महसूस करेंगे, क्या यह उनकी विचारधारा के अनुरूप होगा?
सिंधिया ने अपने इस्तीफ़े में साफ़ कर दिया है कि जिस ड्रामे का पर्दा आज गिरा है वह पिछले साल से चल रहा था।
मध्य प्रदेश में बड़ी मुश्किल से सत्ता में आई कांग्रेस कहीं पार्टी नेताओं की आपसी लड़ाई की भेंट ने चढ़ जाए? सिंधिया को कमलनाथ ने दो टूक ‘जवाब’ देते हुए कहा है, ‘...तो उतर आयें सड़क पर।’ इसका क्या मतलब है?
पूर्व केंद्रीय मंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया क्या अपनी ही पार्टी को ‘ब्लैकमेल’ कर रहे हैं? यह सवाल उठने की वजह है ट्विटर पर उनका बदला हुआ स्टेटस।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर अपने बायो से कांग्रेस शब्द हटा दिया है।
शुक्रवार को भिंड दौरे पर पहुँचे सिंधिया के स्वागत में बीजेपी के पोस्टर दिखे, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ एनडीए सरकार के कुछ फ़ैसलों का ‘स्वागत’ करते सिंधिया दिखाए गए। सत्य न्यूज़
क्या कभी ऐसा हो सकता है कि नेता तो कांग्रेस का हो और बीजेपी स्वागत के पोस्टर लगवाए? कमलनाथ सरकार पर लगातार निशाना साधते रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के मामले में ऐसा ही दिखा है।
लोकसभा चुनाव 2019 में अपने गढ़ गुना, ग्वालियर-चंबल क्षेत्र और मध्य प्रदेश के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी ‘सुपर फ्लॉप’ रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्या कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया जाएगा?