इस बात को लालू यादव के विरोधी भी मानते हैं कि भाषण के बल पर भीड़ को मंत्रमुग्ध कर घंटों बांध कर रखने की इतनी मजबूत कला सिर्फ़ लालू यादव के अंदर ही है।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस यूपी की सभी 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है और गठबंधन अकेले ही भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए काफ़ी है।
पिछले चुनाव में बनारस जाकर नरेन्द्र मोदी का यह कहना कि मुझे गंगा माँ ने बुलाया है! अब प्रियंका पूर्वांचल की गंगा यात्रा करेंगी। इंदिरा गाँधी ने 1978 में पूर्वांचल से वापसी की थी तो क्या प्रियंका भी वैसा ही कमाल कर पाएँगी?
लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में एनडीए ने सीटों का बंटवारा कर दिया है। पटना में हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सीटों के बंटवारे को लेकर घोषणा हुई।
वैचारिक विचारधारा से इतर जातियों की गिनती कर अपनी पार्टी से जोड़ने का यह फ़ॉर्मूला बीएसपी को नुक़सान पहुँचा रहा है और वह लगातार अपने जनाधार गँवा रही है।
2014 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कई वादे किए थे। सरकार को लगभग 5 साल पूरे हो चुके हैं, ऐसे में यह जवाब माँगा जा रहा है कि उन वादों का क्या हुआ।
आजकल बाबा साहब आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर और एमआईएम के नेता असदउद्दीन ओवैसी के गठबंधन 'वंचित बहुजन आघाडी' के समीकरण की काफ़ी चर्चा है।
रफ़ाल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने में जुटी कांग्रेस को बीजेपी ने 'मैं भी चौकीदार' अभियान की शुरुआत कर जवाब दिया है।
‘आप’ और कांग्रेस के बीच गठबंधन होगा या नहीं, इसे लेकर चर्चाएँ जोरों पर हैं। इस पूरे मुद्दे पर नज़र डालें तो पता चलता है कि गठबंधन को लेकर कांग्रेस कंफ़्यूज़्ड है।
पुरानी अदावत भुला कर मैनपुरी में बसपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के लिए रैली करेंगी तो मुज़फ़्फ़रनगर में अखिलेश यादव राष्ट्रीय लोकदल मुखिया अजित सिंह के लिए वोट माँगेंगे।
जिस देश की 60 फ़ीसदी आबादी रोजाना तीन डॉलर यानी 210 रुपये से कम की आमदनी में अपना गुजारा करती है, वहाँ एक अनुमान के मुताबिक़ 2019 के आम चुनाव में प्रति वोटर आठ डॉलर यानी 560 रुपये ख़र्च होने जा रहा है।
दिल्ली में समझौता न होने पर और पंजाब से ना मिलने के बाद 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हारकर अब हरियाणा में समझौते की पेशकश कर डाली है।
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि दिल्ली न सही हरियाणा में ही कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी से चुनावी गठबंधन हो जाए।
महागठबंधन की काट, प्रियंका फ़ैक्टर से निपटने और एंटी इनकंबेंसी को रोकने के लिए बीजेपी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर अपने मौजूदा सांसदों के टिकट काटने जा रही है।
प्रदेश का कोई बड़ा नेता ‘एकला चलो’ और ‘अपनी ढपली-अपना राग’ वाले अंदाज़ को छोड़ने को तैयार नहीं लगता है।
पवार ने कहा है कि मोदी दुबारा प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मनसे नए समीकरण बनाएगी और इसकी ताक़त बढ़ेगी।
कांग्रेस पार्टी ने अब साफ़ कर दिया है कि वह राष्ट्रवाद के बजाय ग़रीबी, बेरोज़गारी जैसे आम जनता के मुद्दों को चुनाव प्रचार में उठाएगी।
विधानसभा में भाजपा के साथ मिलकर इन दलों ने शिवसेना को पटकनी देने में मदद की थी, लेकिन आज बीजेपी को शिवसेना का साथ मिलने पर ये सहयोगी दल बेगानों जैसे हो गये हैं।
2019 चुनाव जैसी कठिन रेस की शुरुआत में कोई भी अटकल लगाना ख़तरे से खाली नहीं है। फिर भी, मैं वे दस कारण बताना चाहूँगा कि क्यों मुझे लगता है कि इस दौड़ में फ़िलहाल नरेंद्र मोदी काफ़ी आगे हैं।
मोदी ने अपने प्रचार में करोड़ों-अरबों रुपये ख़र्च कर दिए। विदेश-यात्राओं में अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों को मात दे दी और कुल मिलाकर प्रचार मंत्री ही साबित हुए।
आचार संहिता लागू हो गई है लेकिन महाराष्ट्र में गठबंधन और सीटों के बंटवारे का खेल अभी ख़त्म नहीं हुआ है। आकलन लगाया जा सकता है कि इस बार मुक़ाबला त्रिकोणीय होने वाला है।
चुनाव में एक तरफ मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन है, तो दूसरी तरफ़ यूपीए गठबंधन जिसमें कांग्रेस भी है। देखना है कि विपक्ष कितना एकजुट होकर मोदी के ख़िलाफ़ लड़ पाता है।
मंडल कमीशन ने देश की राजनीति के नए समीकरण गढ़ देश की आबादी का लगभग 42 प्रतिशत हिस्सा ओबीसी समाज को राजनीति की नयी धुरी बना दिया।
लोकसभा चुनाव के मौक़े पर कांग्रेस के लिए गुजरात से लगातार ख़राब ख़बरें आ रही हैं। एक के बाद एक 5 विधायक पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं।
चुनाव आयोग ने इस बार राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को सोशल मीडिया पर प्रचार करने से संबंधित कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं। प्रचार के दौरान उन्हें इनका पालन करना होगा।
राहुल गांधी ने बैठक में अपनी नाराज़गी भी जताई थी कि महाराष्ट्र कांग्रेस छोटे-छोटे मुद्दों को हल करने की बजाय उन्हें आगे ढकेले जा रही है।