नागालैंड में पिछले साल कई नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। आरोप सेना के विशेष बल के जवानों पर लगा था। नागालैंड पुलिस ने अब इस मामले में चार्जशीट पेश की है। उसमें सेना के विशेष बल के जवानों के नाम आरोपियों में शामिल हैं।
नगालैंड में 4 दिसंबर को हुई फायरिंग के बाद से ही माहौल तनावपूर्ण है और लोग AFSPA को हटाने की मांग कर रहे हैं।
फ़ायरिंग की यह घटना मोन ज़िले के ओतिंग गांव में हुई थी। इस मामले में पुलिस ने सेना की 21 पैरा पुलिस बल के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया था। मोन जिला भारत-म्यांमार की सीमा से सटा हुआ है।
नगा स्टूडेंट्स फ़ेडरेशन (एनएसएफ़) के आह्वान पर सैकड़ों लोग फ़ायरिंग की घटना के ख़िलाफ़ कोहिमा में सड़क पर उतरे।
कोहिमा में आयोजित रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से किस बात पर माफ़ी माँगने को कहा गया है, उन्होंने संसद में आख़िर क्या कहा था?
नगालैंड में पुलिस की फ़ायरिंग में मारे गए लोगों को लेकर देश में कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दिख रही है? आख़िर लोग चुप क्यों हैं?
नगालैंड में हुई फ़ायरिंग के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बयान दिया है। शाह के बयान की मांग को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा भी हुआ था।
नगालैंड हिंसा को सामान्य हिंसा या गोलीबारी मानना क्यों एक भूल होगी? क्यों अब भारत विरोधी भावनाएँ वहां भड़केंगी?
नगालैंड में हुई फ़ायरिंग को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है। संसद के अंदर भी दोनों सदनों में इस मामले में हंगामा हुआ है।
नगालैंड में मोन ज़िले के ओतिंग गांव में हुई फ़ायरिंग के मामले में विपक्ष ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर सोमवार को संसद में हंगामा किया।
नगालैंड में हुई फ़ायरिंग के मामले में विपक्ष ने तो सरकार पर हमला बोला ही है, सेना पर भी सवाल उठ रहे हैं।
शनिवार की हिंसा के बाद रविवार को स्थानीय लोगों ने असम राइफ़ल्स के कैंप पर हमला कर दिया, एक की मौत हो गई। ये लोग कौन हैं, क्यों किया हमला?
नगालैंड के ओटिंग गाँव में हुई गोलीबारी की जाँच शुरू करने का एलान भारतीय सेना ने कर तो दिया है, पर सवाल यह है कि इस तरह की वारदात हुई ही क्यों? कहां चूक हुई?
नगालैंड में म्यामांर से लगती सीमाई क्षेत्र में फायरिंग में कई नागरिकों के मारे जाने की ख़बर के बाद हिंसा हो गई। कई वाहनों में आग लगा दी गई। जानिए, मुख्यमंत्री ने घटना को लेकर क्या कहा।