संसद का नया सत्र सोमवार 24 जून से शुरू हो रहा है। राज्यसभा के अलावा 18वीं लोकसभा का यह पहला सत्र होगा। केंद्र में भाजपा और नरेंद्र मोदी ने भले ही सरकार बना ली हो, लेकिन इस बार मजबूत विपक्ष नई चुनौतियां पेश करने वाला है। इसकी शुरुआत पहले सत्र से ही देखने को मिल सकती है। मोदी के लिए संसद में अब बोलना पहले जैसा आसान नहीं होगा। जानिए इस सत्र की मुख्य चुनौतियां क्या हैं।
दिल्ली में इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 की फीडबैक और नतीजों के बाद पैदा होने वाली स्थिति पर विचार हुआ। इंडिया ने कहा है कि गठबंधन को 295 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। हालांकि एग्जिट पोल में एनडीए के बहुमत पाने की संभावना जताई गई है।
इंडिया गठबंधन के नेताओं ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में 'लोकतंत्र बचाओ' रैली को संबोधित किया। रैली में पांच सूत्री प्रस्ताव भी पारित किया गया। इस रैली की खास बात यह रही है कि इंडिया गठबंधन के सभी प्रमुख दलों के नेता रैली में पहुंचे और संबोधित किया। लंबे समय बाद विपक्ष का एक बड़ा जमघट रामलीला मैदान में नजर आया। आम आदमी पार्टी ने इस रैली में भीड़ जुटाने से लेकर हर तैयारी में भूमिका निभाई। सभी नेताओं ने एक सुर में पीएम मोदी पर हमला बोला। उन्हें तानाशाह तक कहा। सभी ने केजरीवाल और हेमंत सोरने की गिरफ्तारी की निन्दा की। जानिए किसने क्या कहाः
कांग्रेस ने दावा किया कि इंडिया गठबंधन को नीतीश कुमार के धोखा देने की जानकारी उसे पहले से थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि उन्हें लालू यादव और तेजस्वी यादव ने पहले ही बता दिया था।
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि इंडिया गठबंधन के दलों आम आदमी पार्टी और जेडीयू से रविवार को सीट शेयरिंग पर बातचीत शुरू होगी।
क्या कांग्रेस ने राज्यों में सीट बंटवारे का कोई फॉर्मूला तलाश लिया है। वरिष्ठ पत्रकार यूसुफ अंसारी अपनी इस रिपोर्ट में उस फॉर्मूले के बारे में बता रहे हैं। जानिएः
इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे का मामला ऐसा फंसा है कि लगता है कि कांग्रेस मामले को लटका रही है। हर पार्टी के बयान रोजना बदल जाते हैं। जनता के बीच तस्वीर यह बन रही है कि कांग्रेस जानबूझकर देर कर रही है। जनता में यह चर्चा चल पड़ी है कि चुनाव से पहले ही विपक्ष ने भाजपा के सामने हथियार डाल दिए हैं। विपक्ष की कहीं कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है।
तमाम क्षेत्रीय दलों के रुख को देखते हुए इंडिया गठबंधन की बुधवार 6 दिसंबर को होने वाली बैठक स्थगित हो गई है। यह बैठक अब दिसंबर के तीसरे सप्ताह में होगी। लेकिन एक अन्य कमेटी की बैठक 6 दिसंबर को ही होगी। जानिए पूरा घटनाक्रमः
इंडिया गठबंधन को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बयान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार रात को फोन पर बात की। लेकिन सवाल ये है कि आखिर इंडिया गठबंधन के कांग्रेस और क्षेत्रीय क्षत्रप आपस में समझदारी क्यों नहीं दिखा रहे हैं। पढ़िएः
विपक्ष की एकता से भाजपा तब तक क्यों भयभीत हो, जब तक विपक्ष साफ़ नीयत और वैकल्पिक नीतियों के साथ सामने न आए? यदि वैकल्पिक नीतियाँ हों तो क्या कर्नाटक की तरह बिना विपक्षी एकता के भी नहीं हराया जा सकता?
विपक्षी दलों का गठबंधन 'इंडिया' में प्रमुख नामों में से एक शरद पवार आख़िर उस कार्यक्रम में क्यों शामिल हो रहे हैं जिसमें पीएम मोदी को सम्मानित किया जाना है? जानिए, सहयोगी दलों ने क्या कहा।
विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक अगस्त की बजाय सितंबर में हो सकती है। पीटीआई का कहना है कि अगस्त में जिन तारीखों पर बैठक रखी गई है, एनसीपी प्रमुख शरद पवार उन तारीखों में बहुत व्यस्त हैं। इसलिए अब इस बैठक को सितंबर में किया जा सकता है।
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार की नाराज़गी की ख़बर क्यों आ रही है? क्या उनकी किसी महत्वाकांक्षा को धक्का लगा है? जानिए, क्या है राजनीति।
लोकसभा चुनाव 2024 किस तरह से पिछले चुनाव (2019) से अलग होगा, उसका विश्लेषण कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री।
क्या बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक से नीतीश कुमार नाराज़ लौटे हैं? आख़िर किस आधार पर बीजेपी नेता यह दावा कर रहे हैं? जानिए, जेडीयू ने सफ़ाई में क्या कहा है।
विपक्षी दलों की एकजुटता ने क्या बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है? जानिए, बेंगलुरु बैठक के बाद से बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर क्या असर हुआ है।
विपक्ष ने अपना नया नाम इंडिया चुना है। लेकिन अब इसमें एक हिन्दी टैगलाइन भी जोड़ी गई है।
विपक्षी दलों के गठबंधन में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और पूरे देश में उसका आधार है तो फिर वह पीएम पद में दिलचस्पी नहीं होने की बात क्यों कह रही है?
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए क्या बीजेपी के सामने कोई चुनौती है? यदि नहीं है तो वह एनडीए के सहयोगी दलों की संख्या क्यों बढ़ा रही है?
बेंगलुरु में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कई घोषणाएं की हैं। जिसमें सबसे खास घोषणा है कि विपक्षी मोर्चे का नाम और 11 सदस्यों की समन्वय समिति।
विपक्षी दलों की एकजुटता क्या बीजेपी के लिए 2024 में बड़ी मुश्किल खड़ी करने वाली है? जानिए, विपक्षी दलों की बैठक को लेकर प्रधानमंत्री ने बेहद तीखा हमला क्यों किया।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। C Voter Survey: विपक्ष की बैठक को लेकर सर्वे में लोगों के जवाब ने चौंकाया। विपक्ष की बैठक जारी, सोनिया गांधी, ममता, केजरीवाल, नीतीश जैसे नेता मौजूद
क्या विपक्षी एकजुटता वाले दलों और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के बीच गठबंधन में दलों की संख्या ज़्यादा करने की प्रतिस्पर्धा चल रही है? आख़िर इससे दोनों खेमों को लाभ क्या होगा?
विपक्षी एकता की बेंगलुरु में होने वाली बैठक को लेकर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। जानिए, क्या है विपक्षी एकता की बैठक को लेकर क्या कहा गया।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार विपक्षी दलों की बैठक में आज बेंगलुरु नहीं पहुंचेंगे लेकिन कल मंगलवार को वो बैठक में मौजूद रहेंगे। यह जानकारी उनकी पार्टी ने दी है।
विपक्षी एकता की बैठक से एक दिन पहले यह कैसे तय हुआ कि आम आम आदमी पार्टी विपक्षी एकता में शामिल होगी? जानिए आप की बैठक से पहले कांग्रेस ने क्या बड़ा फ़ैसला लिया।