अगले लोकसभा चुनावों को लेकर अब जो तस्वीर बन रही है उसमें एक अकेले मोदी बनाम कई दलों की मिलजुली लड़ाई नहीं बल्कि दो महागठबंधनों के बीच चुनावी महासंग्राम होने जा रहा है।एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा और उसके नए पुराने सहयोगी 38 दलों का गठबंधन नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस यानी एनडीए होगा तो दूसरी तरफ कांग्रेस और उसके साथ जुटे 26 दलों का महागठबंधन जिसे इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्कल्यूसिव एलायंस जिसे संक्षेप में इंडिया नाम दिया गया है, के बीच मुकाबला होगा। विपक्ष तो पहले से ही सबकी मिली जुली ताकत से ही ताकतवर भाजपा का मुकाबला करने की तैयारी कर रहा था, लेकिन अब भाजपा जो “मैं अकेला सब पर भारी” की माहौलबंदी (नेरेटिव) बनाकर मोदी बनाम सब के नारे के साथ लोकसभा चुनावों में जाना चाहती थी, अब विपक्ष की सामूहिक चुनौती का जवाब अपनी सामूहिक चुनौती से ही देगी।