जाने-माने वकील कपिल सिब्बल मूल रूप से कांग्रेसी हैं लेकिन हर दल में उनके संपर्क हैं। अभी दो दिन पहले सपा ने राज्यसभा में जाने के लिए उनकी उम्मीदवारी पर मुहर लगाई है। कपिल सिब्बल के संपर्कों को देखते हुए विपक्ष उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में अपना संयुक्त प्रत्याशी बना सकता है।
उदयपुर में हुए चिंतन शिविर को लेकर कहा जा रहा है कि कांग्रेस अगर इसमें लिए गए फ़ैसलों पर अमल कर पाई तो उसका कायापलट हो जाएगा? लेकिन क्या वह फ़ैसलों पर अमल कर पाएगी?
कांग्रेस और प्रशांत किशोर की वार्ता विफल होने पर दोनों तरफ़ के बयान का क्या संदेश है? उनकी वार्ता क्यों विफल हुई और क्या आगे फिर से किसी मेल-मिलाप की संभावनाएँ हैं?
देश में रामनवमी पर शोभा यात्रा के दौरान कई राज्यों में हिंसा की ख़बरें आईं? आख़िर ऐसा क्यों हुआ? जहाँ पहले ऐसी शोभा यात्राओं का स्वागत होता था वहाँ अब ऐसी हिंसा के पीछे की वजह क्या है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी क्या कांग्रेस की नयी टीम तैयार कर रहे हैं? क्या इसी के तहत वह राज परिवारों की पृष्ठभूमि वाले नेताओं से किनारा कर रहे हैं और चन्नी जैसे नेताओं पर भरोसा जता रहे हैं?
कोरोना संक्रमण के बीच पाँच राज्यों में हो रहे चुनाव के असली मुद्दे क्या होंगे? महंगाई, बेरोज़गारी जैसे मुद्दे होंगे या फिर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित नयी परियोजनाएँ? किस नेता का भविष्य सबसे ज़्यादा दांव पर है?
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 40 फ़ीसदी टिकट महिलाओं को देगी।
आख़िरकार पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के प्रमुख नेताओं में शुमार जितिन प्रसाद ने भी कांग्रेस का दामन छोड़कर उस संघ परिवार के अनुषांगिक संगठन भाजपा का दामन थाम लिया जिससे कभी उनके पिता जितेंद्र प्रसाद लड़ते रहे हैं।
ख़बर आई थी कि अजित सिंह कोरोना से संक्रमित हो गए हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। अजित सिंह सबको छोड़कर इस दुनिया से तब चले गए जब उनके जैसे नेता की किसानों को बहुत ज़रूरत थी।
पाँच राज्यों के चुनावों के नतीजे केंद्र सरकार, भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष की राजनीति पर असर डालेंगे। इनसे पता चलेगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ़ किस ओर जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ होने वाली पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की निर्णायक बैठक में राहुल की मनाही के बाद विकल्प के तौर पर प्रियंका के नाम पर सहमति बन सकती है।