बैंक घोटाले में शरद पवार को लेकर काफ़ी हायतौबा मची। ईडी ने एफ़आईआर दर्ज की तो शरद पवार ख़ुद ईडी जाने लगे। ईडी ने क्यों इनकार कर दिया कि वह पूछताछ नहीं करेगा? क्या यह मामला चिदंबरम वाले मामले से उल्टा पड़ गया? क्या है मामला, देखिए शैलेश की रिपोर्ट में।
एनफ़ोर्समेंट डाइरेक्टररेट यानी ईडी ने एनसीपी नेता शरद पवार से कहा है कि उन्हें डाइरेक्टरेट के ऑफ़िस जाने की फ़िलहाल ज़रूरत नहीं है।
एमएससी घोटाले में एनसीपी नेता शरद पवार आज ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होंगे। क़ानून-व्यवस्था के मद्देनज़र पुलिस ने कई क्षेत्रों में धारा 144 यानी निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे के बयान ने बीजेपी को इस मुद्दे पर बोलने लायक नहीं छोड़ा है।
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के परिवार के लोगों को आईटी नोटिस दिया गया है। अब शरद पवार के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है। चिदंबरम और शिवकुमार पर भी ऐसी ही कार्रवाई हुई है। क्यों हो रही है ऐसी कार्रवाई? देखिए सत्य हिंदी पर आशुतोष की बात।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के ख़िलाफ़ प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र में सहकारी बैंक घोटाला मामले में केस दर्ज किया है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मौक़े पर ईडी की इस कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई क्या शरद पवार को जेल की यात्रा कराने की कोशिश है?
पुराने नेताओं के पार्टी का साथ छोड़ देने के बाद शरद पवार ने अपने पिछले 55 सालों के राजनीतिक जीवन में क्या-क्या किया है, एनसीपी इसे हर मंच से प्रचारित कर रही है।
महाराष्ट्र में सहकारी बैंक घोटाले में अब शरद पवार का नाम जोड़ा गया है। अब इस मामले को भी उसी से जोड़कर देखा जाने लगा है कि क्या शरद पवार को घेरने की कोई योजना तो नहीं बनाई जा रही है?
राष्ट्रवादी कांग्रेस के गढ़ ठाणे, सोलापुर, सातारा, कोल्हापुर में चुनाव से पहले ही भारी भगदड़ मची हुई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतने बड़े नुक़सान की भरपाई शरद पवार कैसे कर पाएँगे?
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना मज़बूत स्थिति में हैं। कांग्रेस आज असमंजस में और कमज़ोर है। तो क्या फिर भी शरद पवार राजनीति की कांग्रेस संस्कृति को लेकर कोई बड़ा निर्णय लेने की योजना बना रहे हैं?
मोदी बार-बार महाराष्ट्र क्यों आ रहे हैं और शरद पवार को ही निशाना क्यों बना रहे हैं, यह सवाल अब चर्चा का विषय बन गया है। क्या इनके बीच को व्यक्तिगत दुश्मनी है या अन्य कोई कारण?
महाराष्ट्र के सियासी परिवारों में सत्ता का संघर्ष होता रहा है। ठाकरे और भोसले राजघराने के बाद अब शरद पवार के परिवार में सत्ता को लेकर कलह शुरू हो गई है।
शरद पवार के लोकसभा चुनाव न लड़ने के एलान ने इस बात को उजागर कर दिया है कि परिवार पर उनकी पकड़ शायद कमज़ोर पड़ने लगी है।
पवार ने कहा है कि मोदी दुबारा प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मनसे नए समीकरण बनाएगी और इसकी ताक़त बढ़ेगी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े नेता और प्रधानमंत्री के संभावित दावेदारों में से एक समझे जाने वाले शरद पवार ने घोषणा की है कि वह अगला लोकसभा चुनाव नही लड़ेंगे।