इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश की जा रही है। कर्नाटक सरकार ने पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और टीपू सुल्तान का नाम स्वतंत्रता सेनानियों की सूची से हटा दिया। बेंगलुरु में स्वतंत्रता सेनानी टीपू सुल्तान के पोस्टर फाड़ दिए गए।
टीपू सुल्तान पर फिर विवाद हो गया है। मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने संकेत दिए हैं कि उनकी सरकार माध्यमिक स्कूलों के इतिहास की किताब से टीपू सुल्तान के पाठ को हटाने की तैयारी कर रही है।
टीपू सुल्तान पर हंगामा क्यों? बीजेपी को अब टीपू से नफ़रत क्यों? क्या यह राजनीति का हिस्सा है? यदि ऐसा नहीं है तो बीजेपी के नेता टीपू की पगड़ी में क्यों नज़र आते रहे हैं? स्मारक क्यों बनवाए? देखिए 'आशुतोष की बात' में हक़ीकत।