नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हो रही हिंसा के कारण दिल्ली में 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से ज़्यादा लोग घायल हैं। जब दिल्ली में हिंसा हो रही थी तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद में क्या कर रहे थे। उन्होंने फौरन दिल्ली आकर हालात को संभालने की कोशिश क्यों नहीं की। अगर वह ऐसा करते तो हिंसा रुक सकती थी। सुनिये, क्या कहा वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।