संजय राय पेशे से पत्रकार हैं और वह समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।
कांग्रेस के सामने राजनीतिक चुनौतियों का अंबार है और उसकी कोशिश भारत जोड़ो यात्रा के जरिये इन चुनौतियों पर जीत हासिल करने की है। महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कांग्रेस नेता उत्साहित हैं, क्या इस यात्रा से पार्टी को मजबूती मिलेगी?
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को बॉम्बे हाई कोर्ट से शनिवार को भी कोई राहत नहीं मिली।
महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की साझा सरकार बनाने का रास्ता साफ़ हो गया है। इसकी आधिकारिक घोषणा शुक्रवार को हो सकती है।
महाराष्ट्र में चुनाव हैं इसलिए यहाँ पर प्याज चुनावी मुद्दा बनता दिख रहा है। किसान संगठनों ने प्रदेश में 'कांदा सत्याग्रह' शुरू कर दिया है। क्या चुनाव पर इसका असर पड़ेगा?
लोकसभा चुनाव के बाद जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी की बैठकें हुई थीं, तभी से कांग्रेस-एनसीपी के विलय की चर्चा ने जोर पकड़ा था।
क्या कांग्रेस का शिक्षित बेरोज़गारों को 5000 रुपये प्रतिमाह बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा महाराष्ट्र में युवा मतदाताओं को पार्टी की तरफ़ खींच पायेगा?
मुख्यमंत्री ने शिवसेना या अपने अन्य सहयोगी दलों में किस-किस को टिकट दिया जाना चाहिए इसमें भी दख़ल दिया या अपनी राय दी है।
मुंबई और महाराष्ट्र की राजनीति के यौद्धा बाला साहेब ठाकरे के समय शिवसेना जितनी मजबूत दिखती थी वैसी अब नहीं दिखती।
बीजेपी आज उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है। लेकिन उसकी सहयोगी शिवसेना ने बिना कोई सूची जारी किये रविवार को 9 प्रत्याशियों को एबी फ़ार्म दे दिए हैं।
को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में ईडी के केस दर्ज करने के बाद शरद पवार के सियासी दाँव से जहाँ उन्हें जन समर्थन मिला, वहीं अजित पवार के इस्तीफ़े से उन्हें झटका लगा है।
चुनाव आयोग ने जब महाराष्ट्र की सातारा लोकसभा सीट पर उप चुनाव की घोषणा की तो कई सवाल खड़े हुए। आयोग ने अभी 21 सितम्बर को ही प्रदेश के विधानसभा चुनावों के साथ ही सातारा उप चुनाव की घोषणा क्यों की थी?
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई क्या शरद पवार को जेल की यात्रा कराने की कोशिश है?
मोदी और शाह के भाषणों से ऐसा लगता है कि चुनाव चाहे राष्ट्र का हो या महाराष्ट्र का, प्रचार में पाकिस्तान और कश्मीर ही मुख्य धुरी बने रहेंगे।
सामान्यतः प्रदेश में विधानसभा के चुनाव दो चरणों में होते थे। एक चरण में चुनाव कराने को भी एक राजनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है।
पुराने नेताओं के पार्टी का साथ छोड़ देने के बाद शरद पवार ने अपने पिछले 55 सालों के राजनीतिक जीवन में क्या-क्या किया है, एनसीपी इसे हर मंच से प्रचारित कर रही है।
विधानसभा चुनावों में बराबर की सीटें लड़ने और महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े भाई की हैसियत की बात करने वाली शिवसेना के तेवर अब नरम दिखाई दे रहे हैं।
कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) दोनों ही पार्टियों में नेताओं के दल-बदल का पतझड़ सा लग गया है।
इस मामले में अदालत में अब तक पुलिस के द्वारा ठोस सबूत के नाम पर सिर्फ़ कुछ किताबें और सीडी दी गयी हैं।
महाराष्ट्र में सहकारी बैंक घोटाले में अब शरद पवार का नाम जोड़ा गया है। अब इस मामले को भी उसी से जोड़कर देखा जाने लगा है कि क्या शरद पवार को घेरने की कोई योजना तो नहीं बनाई जा रही है?
वैसे तो अरुण जेटली के पत्रकारों से हमेशा अच्छे संबंध रहे, लेकिन बीजेपी के प्रवक्ता और सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनने के बाद यह घनिष्ठता और बढ़ गई थी।
बीजेपी अध्यक्ष रहे मुरली मनोहर जोशी की 1991 की राष्ट्रीय एकता यात्रा के आयोजक नरेंद्र मोदी इसी दौरान जेटली के संपर्क में आये थे।
महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली व सातारा ज़िले में बाढ़ ने तबाही मचा दी है। क्या यह बाढ़ बेतरतीब ढ़ग से शहरीकरण का नतीजा नहीं है?
राष्ट्रवादी कांग्रेस के गढ़ ठाणे, सोलापुर, सातारा, कोल्हापुर में चुनाव से पहले ही भारी भगदड़ मची हुई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतने बड़े नुक़सान की भरपाई शरद पवार कैसे कर पाएँगे?
क्या विधानसभा का चुनाव जीतने के लिये राज्य की बीजेपी-शिवसेना गठबंधन वाली सरकार सरकारी खजाने से 5000 करोड़ रुपये लुटाने का ‘खेल’ खेलने जा रही है?
भीमा कोरेगाँव में 1 जनवरी 2018 को हुई हिंसा, उससे जुड़े लोगों की गिरफ़्तारी के पीछे अर्बन नक्सल और अब आतंकवादी नेटवर्क की जो बात पुलिस कह रही है, उसके मायने बेहद गंभीर हैं।
महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में मुख्यमंत्री कौन होगा?, एक ऐसा यक्ष प्रश्न है जिसका उत्तर ना तो उद्धव ठाकरे ने कभी खुलकर दिया है ना ही मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने।