सिंधु घाटी सभ्यता का विकास सिंधु नदी के किनारे हुआ था। पुरातत्व के जानकारों ने उसी को आधार मानकर देश में हुए सभ्यता के विकास को जोड़ा और गंगा, यमुना, कृष्णा, गोदावरी जैसी नदियों के किनारे बसे सैकड़ों शहरों की एक तसवीर हमारे सामने रखी। देश में समय-समय पर नदियों को बचाने, उनको आपस में जोड़ने की बातें की जाती हैं। नेता से लेकर अभिनेता, साधू-संत और अब तो कुछ बाबाओं ने भी नदियों को लेकर चिंता जतानी शुरू कर दी है। लेकिन नदियों से खिलवाड़ बदस्तूर जारी है। जब नदी अपनी ताक़त दिखाती है तो सबके चेहरे सामने आने लगते हैं।
महाराष्ट्र: बाढ़ ने उघाड़ दिया बेतरतीब शहरी विकास का सच!
- महाराष्ट्र
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- 12 Aug, 2019

महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली व सातारा ज़िले में बाढ़ ने तबाही मचा दी है। क्या यह बाढ़ बेतरतीब ढ़ग से शहरीकरण का नतीजा नहीं है?
कुछ ऐसा ही संकेत महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली व सातारा ज़िले में आयी बाढ़ ने भी दिया है। मुंबई में पानी भरना अब आम बात हो गयी है। अनियंत्रित विकास और बिल्डर लॉबी के दबाव में आकर सरकारें नियम-क़ानून को कैसे तोड़ती-मरोड़ती हैं यह चेहरा भी बाढ़ के पानी में धुलकर सामने आ गया है। बातें तो सरकारें स्मार्ट सिटी, थ्री स्टार सिटी बनाने की करती हैं लेकिन शहर का विस्तार करने के लिए बाढ़ रेखा के नीचे करने की अनुमति दी जाए तो उसे क्या कहेंगे? या कोई बिल्डर अपने राजनीतिक ताक़त के दम पर नदी का रुख बदलकर इमारतें बनाने लगे या भराव क्षेत्र को पाटकर शहर बसाने लगे तो क्या होगा? वह भी तब जब राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने आदेश देकर चेताया हो।