दिल्ली में मौसम जितना प्रचंड हो रहा है, राजनीतिक पारा भी उतना ही बढ़ता जा रहा है। राजधानी में आमतौर पर इतनी गर्मी में चुनाव नहीं हुआ करते। नगर निगम चुनाव दिसंबर में हुए थे तो विधानसभा चुनाव फरवरी में। दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर 2014 में दस अप्रैल को और 2019 में 12 मई को मतदान हो चुका था। इस बार 25 मई को तब चुनाव कराए जा रहे हैं जब गर्मी अपने पूरे यौवन पर होगी। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है उस दिन तापमान 46 डिग्री को भी पार कर सकता है। निश्चित रूप से मौसम भी राजनीतिक समीकरणों को बदलने में सक्षम हो सकता है।
दिल्ली की 7 सीटों पर सियासी पारा हावी रहेगा या मौसमी पारा?
- विश्लेषण
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- दिलबर गोठी
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- 22 May, 2024

दिलबर गोठी
दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर 25 मई को मतदान है। पिछले दो आम चुनावों से भाजपा सबी 7 सीटें जीतती आ रही है। लेकिन इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने समझौता करके समीकरण बदल दिया है। लेकिन कमजोर उम्मीदवार, मौसम और स्थानीय राजनीति मिलकर इस समीकरण पर भारी भी पड़ सकते हैं। दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार दिलबर गोठी बता रहे हैं दिल्ली का सियासी हालः
बीजेपी पिछले दो लोकसभा चुनावों से सातों सीटें जीतकर क्लीन स्वीप करती आ रही है। इस बार भी उसे यही उम्मीदें हैं। दिल्ली में बीजेपी ने एंटी इनकम्बेंसी को खत्म करने के लिए वह फॉर्मूला अपनाया जो 2017 में नगर निगम में लागू किया था। तब उसने अपने सारे उम्मीदवार बदल डाले थे और इस बार भी सात में से 6 उम्मीदवारों को बदलकर एक बड़ा जोखिम उठाया। अगर दिल्ली में आप और कांग्रेस में सीट शेयरिंग नहीं हुई होती तो शायद बीजेपी ऐसा नहीं करती लेकिन दोनों पार्टियों का गठबंधन होते ही उसने यह दांव खेल दिया।