मीडिया में और चुनाव प्रचार से भले ही एकतरफा माहौल बनाने की कोशिश की गई है, लेकिन चुनाव पूर्व सर्वेक्षण ने चौंकाने वाले नतीजे आने के संकेत दिए हैं। राम मंदिर, भ्रष्टाचार जैसे जिन मुद्दों की दिनरात चर्चा कर माहौल बनाने की कोशिश की गई है, वे मतदाताओं के लिए बड़े मुद्दे नहीं हैं। सीएसडीएस-लोकनीति ने द हिंदू के साथ मिलकर जो सर्वे किया है उसमें मतदाताओं की सबसे बड़ी तीन चिंताएँ- रोज़गार, महंगाई और विकास उभरी हैं। सर्वेक्षण के अनुसार नौकरियों और महंगाई की चिंताओं के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराया गया है। इस सर्वे ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या यह किसी प्रकार की सत्ता विरोधी लहर में तब्दील होगा? और यदि ऐसा होगा तो यह किसके खिलाफ होगा- राज्यों, केंद्र या मौजूदा सांसदों के खिलाफ?
सीएसडीएस-लोकनीति सर्वे: राम मंदिर, भ्रष्टाचार बड़े मुद्दे नहीं; जानें क्या तय करेंगे चुनाव नतीजे!
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- 11 Apr, 2024
लोकसभा चुनाव में आख़िर किन मुद्दों पर वोट पड़ेंगे? क्या राम मंदिरऔर विपक्षी दलों के ख़िलाफ़ ईडी द्वारा खोला गया मोर्चा? जानिए, सर्वे में किन मुद्दों पर मतदाता वोट डालेंगे और किस पार्टी के लिए हो सकती है मुश्किल।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
चुनाव पूर्व इस सर्वेक्षण से पता चला है कि बेरोजगारी और महंगाई सर्वे किए गए लोगों में से क़रीब आधे मतदाताओं की प्रमुख चिंताएं हैं। सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से लगभग दो तिहाई यानी क़रीब 62% ने कहा है कि नौकरियां पाना अधिक मुश्किल हो गया है। ऐसा मानने वाले शहरों में 65% हैं। गाँवों में 62% और कस्बों में 59% लोग ऐसा मानते हैं। 59% महिलाओं की तुलना में 65% पुरुषों ने ऐसी ही राय रखी है। केवल 12% ने कहा कि नौकरी पाना आसान हो गया है।