रफ़ाल सौदे पर 'द हिन्दू' में वरिष्ठ पत्रकार एन. राम के ख़ुलासे के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने एक लम्बा बयान जारी किया है। एन. राम के ख़ुलासे को 'सत्य हिन्दी' ने छापा था। चिदम्बरम ने एन. राम की उसी रिपोर्ट के आधार पर रफ़ाल सौदे से जुड़े तथ्यों की व्याख्या कर सवाल उठाया है कि मोदी सरकार ने 126 के बजाय केवल 36 रफ़ाल विमान ख़रीदने का फ़ैसला क्यों किया और इस फ़ैसले से कैसे दसाँ कम्पनी को फ़ायदा पहुँचेगा। चिदम्बरम का पूरा बयान हम यहाँ जस का तस छाप रहे हैं:
चिदंबरम ने 'सुलझाई' 36 और 126 रफ़ालों की पहेली!
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- 8 Feb, 2019

दसाँ को दो तरह से फ़ायदा होगा। पहला प्रति विमान क़ीमत का, क्योंकि अगर 126 विमान ख़रीदे गए होते तो प्रति विमान क़ीमत सिर्फ़ 10.3 मिलियन यूरो बढ़ती। लेकिन नए सौदे में केवल 36 विमानों के ख़रीदे जाने के कारण प्रति विमान क़ीमत 36.11 मिलियन यूरो बढ़ जाएगी। दूसरा यह कि अगर 'रक़म के मौजूदा मूल्य' को आधार बनाया जाए, तो दसाँ को मिलने वाले 1300 मिलियन यूरो का मूल्य (यदि उसे 2022 तक यह पैसा मिल जाता है) नए सौदे में बहुत बढ़ जाता है, बनिस्बत इसके कि उसे यूपीए के पुराने सौदे के तहत यह पूरा पैसा 2029 तक या उसके आसपास मिल पाता।