देश में वैक्सीन की कमी और सुप्रीम कोर्ट से लेकर आम लोगों द्वारा वैक्सीन नीति की आलोचनाओं के बीच केंद्र सरकार ने सफ़ाई दी है। इसने असमानता की ओर इशारा करने वाली मीडिया रिपोर्टों को 'ग़लत और अटकल लगाने वाला' क़रार दिया है। इसके साथ ही इसने कहा है कि उसने उदार वैक्सीन नीति अपनाई है और 1 मई से लागू होने वाली वैक्सीन नीति राज्य पर बोझ को कम करती है।
वैक्सीन नीति की आलोचना पर केंद्र की यह कैसी 'उदार नीति'?
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- 6 Jun, 2021
देश में वैक्सीन की कमी के बीच सुप्रीम कोर्ट से लेकर आम लोगों द्वारा वैक्सीन नीति पर आलोचनाओं पर केंद्र सरकार ने सफ़ाई दी है। इसने असमानता की ओर इशारा करने वाली मीडिया रिपोर्टों को 'ग़लत और अटकल लगाने वाली' क़रार दिया।

सरकार की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब दो दिन पहले ही यह ख़बर आई थी कि सरकार ने निजी क्षेत्र को देने के लिए जितने कोरोना टीके सुरक्षित रखे, उसमें से आधा टीके सिर्फ 9 कॉरपोरेट अस्पतालों ने ले लिए, जिनके अस्पताल बड़े शहरों में हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि मझोले व छोटे शहरों के निजी अस्पतालों को कोरोना वैक्सीन नहीं मिलीं और इस तरह इन शहरों के लोगों को निजी अस्पतालों में टीका नहीं दिया जा सका। रिपोर्टों में कहा गया कि यह केंद्र सरकार की कोरोना टीका नीति की नाकामी उजागर करता है क्योंकि इससे यह साफ़ हो गया कि कोरोना टीके का समान व न्यायोचित वितरण नहीं हुआ।