संसद की नयी इमारत में स्थापित किए जाने वाले ‘सेंगोल’ को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बताए जाने का जब विरोध हुआ तो गृहमंत्री अमित शाह ने उन पर भारतीय संस्कृति के अपमान का आरोप लगा दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन समारोह के अपने भाषण में संसद को ‘लोकतंत्र का मंदिर’ बताते हुए दावा किया कि यह भवन स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करेगा। उन्होंने इस मौके पर चोल साम्राज्य में सत्ता हस्तांतरण की परंपरा से निकले सेंगोल को कर्तव्यपथ, सेवापथ और राष्ट्रपथ का प्रतीक बताया।