इससे पहले भी पाकिस्तान ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विमान को अपने हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी थी। प्रधानमंत्री मोदी 21 सितंबर को एक सप्ताह की यात्रा के लिए अमेरिका रवाना होंगे।
अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद पाकिस्तान के लोगों को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा था कि पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है और वह कश्मीर के लिए न्यूक्लियर पावर का इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हटेगा। पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख़ राशिद ने भी हाल ही में कहा था कि दोनों देशों के बीच अक्टूबर के आख़िर में या नवंबर-दिसंबर में युद्ध हो सकता है।
कश्मीर के मुद्दे पर अब तक पाकिस्तान की हर कोशिश नाकाम रही है। संयुक्त राष्ट्र समेत दुनिया के कई देशों ने उससे कहा है कि वह भारत के साथ बातचीत के जरिए कश्मीर मुद्दे का हल ढूंढे।
पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को दुनिया भर के देशों में ले गया लेकिन उसे लगभग सभी जगह से निराशा मिली है। इस सबसे हताश होकर वह कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने की बड़ी साज़िश रच सकता है। उसके मंत्री तक यह स्वीकार कर चुके हैं कि उनकी सरकार आतंकवादी संगठन जमात-उद दावा पर लाखों रुपये खर्च कर चुकी है।
भारत बार-बार कहता रहा है कि पाकिस्तान को अगर बातचीत करनी है तो उसे आतंकवाद को पनाह देनी ख़त्म करनी होगी। भारत सरकार यह भी स्पष्ट कह चुकी है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाना पूरी तरह भारत का आतंरिक मामला है लेकिन फिर भी पड़ोसी मुल्क कोरी बयानबाज़ी करता है और परमाणु युद्ध की धमकियाँ देता रहता है, यह जानते हुए भी कि वह सैन्य ताक़त में भारत के सामने कहीं नहीं ठहरता।