सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि राज्य तैयार नहीं होंगे तो दिसंबर में बहुत ख़राब हालत होगी। कोर्ट ने तो दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और असम से दो दिनों में स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है। इन राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। साथ ही सभी राज्यों से पूरी तैयारी रखने को कहा गया है।
इन राज्यों से भी बढ़ी चिंता
भारत में चिंता बढ़ने का एक कारण यह भी है कि जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण के कुल मामले अब तक कम रहे हैं वहाँ संक्रमण बढ़ने लगा है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। हालाँकि, सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश में भी संक्रमण के मामले ज़्यादा आने लगे हैं। राजस्थान में रिकॉर्ड 3000 से ज़्यादा संक्रमण के मामले आने लगे हैं। हिमाचल प्रदेश में भी इस महीने सक्रिय संक्रमण के मामले दोगुने हो गए हैं।
कई राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं, इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने कई राज्यों में उच्चस्तरीय टीमें भेजी हैं। पहले राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में ये टीमें भेजी गई थीं और फिर उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी भेजी गई हैं।
महाराष्ट्र ने सख़्त क़दम उठाए
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए महाराष्ट्र ने दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, राजस्थान और गोवा यानी चार राज्यों के लोगों के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट ज़रूरी कर दिया है। इसका मतलब है कि उन राज्यों के लोग बिना कोरोना टेस्ट के प्रमाण पत्र के महाराष्ट्र में नहीं आ सकेंगे। महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संक्रमण को लेकर विस्तृत गाइडलाइंस जारी की है।
वीडियो में देखिए, क्या कोरोना से जान बचा सकता है स्टेराइड?
देश में सबसे ज़्यादा बुरी तरह प्रभावित रहे महाराष्ट्र में फ़िलहाल कोरोना का संक्रमण कम हो रहा है और इसी के मद्देनज़र राज्य सरकार अतिरिक्त एहतियात बरत रही है। यह एहतियात ख़ासकर उन राज्यों के लोगों के लिए है जहाँ कोरोना संक्रमण ज़्यादा फैला है। ये एहतियात ऐसे समय में बरते जा रहे हैं जब दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आई है।