विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा, ‘कृषि क्षेत्र में इन ऐतिहासिक बदलावों के बाद, इतने बड़े व्यवस्था परिवर्तन के बाद कुछ लोगों को अपने हाथ से नियंत्रण जाता हुआ दिखाई दे रहा है। इसलिए अब ये लोग एमएसपी पर किसानों को गुमराह करने में जुटे हैं।’
मोदी ने इन विधेयकों को लेकर उठ रहे तमाम सवालों का जवाब देते हुए कहा कि किसान के खेत की सुरक्षा, किसान को अच्छे बीज, खाद, इन सभी की जिम्मेदारी उसकी होगी, जो किसान से समझौता करेगा। उन्होंने कहा कि ये कानून, ये बदलाव कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं हैं। कृषि मंडियों में जैसे काम पहले होता था, वैसे ही अब भी होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई जगह ये भी सवाल उठाया जा रहा है कि कृषि मंडियों का क्या होगा। उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा कि कृषि मंडियां कतई बंद नहीं होंगी।
मोदी ने इन विधेयकों की जोरदार हिमायत करते हुए पुराने क़ानूनों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हमारे देश में अब तक उपज बिक्री की जो व्यवस्था चली आ रही थी, जो कानून थे, उसने किसानों के हाथ-पांव बांधे हुए थे। मोदी ने कहा कि इन कानूनों की आड़ में देश में ऐसे ताकतवर गिरोह पैदा हो गए थे, जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ये कब तक चलता रहता?
एतिहासिक क़दम
मोदी ने किसानों से अपील की, ‘आप किसी भी तरह के भ्रम में मत पड़िए। इन लोगों से सावधान रहना ज़रूरी है, जिन्होंने दशकों तक देश पर राज किया वे लोग आज किसानों से झूठ बोल रहे हैं। ऐसे लोग बिचौलियों का साथ दे रहे हैं। किसानों की अपनी उपज कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की आजादी देना एतिहासिक क़दम है।’