अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत की आजादी को खतरे में बताया है। उसके संपादकीय बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण संपादकीय इस संबंध में तमाम तथ्यों के साथ प्रकाशित किया है। स्वतंत्र समाचार मीडिया को डराने,  उसको सेंसर करने,  चुप कराने और दंडित करने के लिए शक्तियों का दुरुपयोग, लोकलुभावन और सत्तावादी नेताओं की एक खतरनाक पहचान है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस खेमे में पूरी तरह से शामिल हैं। प्रेस की स्वतंत्रता को कम करने  में उनका महत्वपूरण योगदान है जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की गौरवपूर्ण स्थिति को कम कर रहा है। 2014 में मोदी के सत्ता संभालने के बाद से पत्रकारों ने लगातार, अपने करियर और अपने जान जोखिम में डालकर उन चीजों की रिपोर्टिंग की है, जिसे सरकार रोकना चाहती थी।