संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा है कि सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ आलोचनात्मक रुख रखने वाली पत्रकार राना अय्यूब का उत्पीड़न रुकना चाहिए। इसने कहा है कि उन पर ऑनलाइन किए जा रहे सांप्रदायिक और स्त्री-विरोधी हमले रोके जाने चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि राना अय्यूब पर दक्षिणपंथी व राष्ट्रवादी हिंदू समूह लगातार ऑनलाइन हमले कर रहे हैं और उन्हें धमकियाँ दी जा रही हैं। यूएन ने ट्वीट कर कहा है कि भारतीय अधिकारियों को इसकी तुरंत जाँच करनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र की इस प्रतिक्रिया को भारत ने गैर जरूरी और आरोपों को आधारहीन बताया है। यूएन के ट्वीट की प्रतिक्रिया में भारत ने कहा, 'तथाकथित न्यायिक उत्पीड़न के आरोप निराधार और अनुचित हैं। भारत में क़ानून का शासन है, लेकिन यह भी उतना ही स्पष्ट है कि कोई भी क़ानून से ऊपर नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि एसआर वस्तुनिष्ठ और सटीक रूप से जानकारी रखते होंगे। भ्रामक नैरेटिव को आगे बढ़ाने से केवल संयुक्त राष्ट्र की प्रतिष्ठा धूमिल होगी।'



















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