वेतन नहीं मिलने से ख़फ़ा कंपनी के पायलटों के संगठन नेशनल एविएशन गिल्ड दिवालिया क़ानून के तहत समाधान करने की माँग कर रहा है। जेट के संकट की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को आपात बैठक बुलानी पड़ गई थी।
बता दें कि 1992 में जेट एयरवेज से गठित यह एक भारत की निजी कंपनी है। इसके अगले साल 1993 में इसने एयर टैक्सी की उड़ानों के साथ शुरुआत की थी। बाद में इसने एयर सहारा को ख़रीद लिया और 2010 में यह सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी बन गयी थी। 2017 में यह इंडिगो के बाद दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी थी। लेकिन अब इसकी हालत ख़राब है।