क्या देश में दलितों के हालात बदले हैं? यदि कोई यह तर्क देता है कि अब दलितों के ख़िलाफ़ अत्याचार नहीं होता है तो कर्नाटक की एक घटना और इस पर अदालत का फ़ैसला और उसकी टिप्पणी उसे ज़रूर पढ़नी चाहिए। कर्नाटक की एक जिला अदालत ने गुरुवार को 10 साल पुराने एक मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत 101 लोगों को दोषी ठहराया है। इसने 98 लोगों को आजीवन कारावास और बाकी दोषियों को पांच साल की सजा सुनाई है।