महाराष्ट्र के मोहोने गांव और आसपास के लगभग 10 अन्य गांवों के निवासियों ने अडानी ग्रुप की अंबुजा सीमेंट द्वारा प्रस्तावित सीमेंट ग्राइंडिंग प्लांट का विरोध शुरू कर दिया है। यह विरोध महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) द्वारा 16 सितंबर को निर्धारित सार्वजनिक सुनवाई से पहले हो रहा है। प्लांट कल्याण शहर के पास स्थित है, जो दक्षिण मुंबई से 68 किलोमीटर दूर है। स्थानीय लोग स्वास्थ्य, पर्यावरण और बढ़ते यातायात की चिंताओं के कारण इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं।
मोहोने गांव में प्रस्तावित यह प्लांट घनी आबादी वाले क्षेत्र में बनाया जाना है, जहां चारों ओर निर्माणाधीन ऊंची इमारतें हैं। परियोजना के लिए कुल 26.13 हेक्टेयर भूमि का इस्तेमाल किया जाना है, जिसमें 9.67 हेक्टेयर ग्रीन बेल्ट के लिए और 5.49 हेक्टेयर ग्राइंडिंग यूनिट, भंडारण सुविधाओं तथा पैकिंग प्लांट के लिए है। 10 किलोमीटर के दायरे में सामाजिक-आर्थिक अध्ययन क्षेत्र में कल्याण तालुका, केडीएमसी वार्ड, भिवंडी तालुका, अम्बरनाथ तालुका, उल्हासनगर और महाराल बीके टाउन के हिस्से शामिल हैं, जहां कुल आबादी 14,82,478 है।
गांव के निवासियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे, कल्याण-डोंबिवली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (केडीएमसी) के म्यूनिसिपल कमिश्नर तथा एमपीसीबी अधिकारियों को पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराया है। यह मुंबई महानगरीय क्षेत्र में अडानी समूह की दूसरी परियोजना है जिसका स्थानीय स्तर पर विरोध हो रहा है। इससे पहले धारावी पुनर्विकास परियोजना पर भी विरोध हुआ था।
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लॉजिस्टिक्स पार्क के लिए मिली थी ज़मीन

विरोध के पीछे मुख्य कारण वायु और जल प्रदूषण, बढ़ता यातायात तथा स्वास्थ्य जोखिम हैं। स्थानीय लोग तर्क दे रहे हैं कि घनी आबादी वाले क्षेत्र में पर्यावरण और स्वास्थ्य मुद्दों को पर्याप्त रूप से ध्यान में नहीं रखा गया है। पहले अडानी समूह ने 2020 में नेशनल रेयॉन कंपनी (एनआरसी) को अधिग्रहित करने के बाद इस स्थान पर विश्व स्तरीय लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित करने की योजना बनाई थी, जिसका स्वागत हुआ था क्योंकि इससे रोजगार के अवसर पैदा होते। लेकिन कुछ महीनों पहले सीमेंट ग्राइंडिंग प्लांट की योजना सामने आने से विरोध शुरू हो गया।

घनी आबादी में सीमेंट प्लांट क्यों

मोहोने के पूर्व एनआरसी कर्मचारी और निवासी जीवानंदस कटारिया ने कहा, "जब 2020 में अडानी समूह ने एनआरसी को अधिग्रहित किया, तब कहा गया था कि विश्व स्तरीय लॉजिस्टिक्स पार्क बनेगा। सबने इसका स्वागत किया क्योंकि इससे कई लोगों को रोजगार मिलता। लेकिन कुछ महीने पहले पता चला कि लॉजिस्टिक्स पार्क के बजाय सीमेंट ग्राइंडिंग प्लांट बनेगा। क्या घनी आबादी वाले क्षेत्र में ऐसा प्लांट बनाना चाहिए? पर्यावरण और स्वास्थ्य मुद्दों पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया लगता है। इसलिए हमने विरोध करने का फैसला किया।"
ग्रामस्था मंडल मोहोने कोलीवाड़ा के अध्यक्ष और स्थानीय भाजपा नेता सुभाष पाटिल ने बताया, "विरोध के हिस्से के रूप में हमने हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। यह हमारा पहला कदम है। प्लांट से होने वाले वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, यातायात बढ़ने से नुकसान तथा स्वास्थ्य चिंताएं आदि को ध्यान में नहीं रखा गया जबकि हमारे पड़ोस में इतना बड़ा प्लांट बनाने का फैसला लिया गया।"
कंजर्वेशन एक्शन ट्रस्ट ने चेतावनी दी, "घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इससे कणीय पदार्थों का उच्च उत्सर्जन होता है।"
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अडानी समूह ने इस संबंध में इंडियन एक्सप्रेस के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। एमपीसीबी अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड प्रक्रिया का पालन कर रहा है और निवासी सार्वजनिक सुनवाई में अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। मंगलवार की सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।