अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दो दिन की भारत यात्रा का हिसाब सामान्य कूटनीति के फ़ॉर्मूले से नहीं लगाया जा सकता क्योंकि यह सामान्य यात्रा नहीं थी। अपने कार्यकाल के आख़िर में और बिना ट्रेड निगोशियेटर (व्यापार वार्ताकार) को साथ लिए भी उन्होंने अगर 21 हज़ार करोड़ का सौदा कर लिया और कई क्षेत्रों में सहयोग के साथ भारतीय उद्यमियों को अमेरिका में निवेश करने के लिए राजी कर लिया तो निश्चित रूप से उनके पास अपनी जनता के सामने गिनवाने वाली काफ़ी उपलब्धियां हैं।